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Saturday 16 July 2011

कालसर्प योग

अनंत कालसर्प योग  ( Ananta Kal sarp Yog ):- kalasarpa yog kaalsarpa yog
जब लग्न में राहु और सप्तम भाव में केतु हो और उनके बीच समस्त अन्य ग्रह इनके मध्या मे हो तो अनंत कालसर्प योग बनता है । इस अनंत कालसर्प योग के कारण जातक को जीवन भर मानसिक शांति नहीं मिलती । वह सदैव अशान्त क्षुब्ध परेशान तथा अस्‍िथर रहता है: बुध्दिहीन हो जता है। मास्‍ि‍तक संबंधी रोग भी परेशानी पैदा करते है।
कुलिक कालसर्प योग ( Kulik Kal sarp Yog ) :- Kalasarpa yog kaalsarpa yog
जब जन्‍मकुंडली के व्दितीय भाव में राहु और अष्टम भाव में केतू हो तथा समस्त उनके बीच हों, तो यह योग कुलिक कालसर्प योंग कहलाता है।
वासुकि कालसर्प योग ( Vasuki Kal sarp Yog ):- . Kalasarpa yog kaalsarpa yog
जब जन्मकुंडली के तीसरे भाव में राहु और नवम भाव में केतु हो और उनके बीच सारे ग्रह हों तो यह योग वास‍ुकि कालसर्प योग कहलाता है।
शंखपाल कालसर्प योग ( Shankhapal Kal sarp Yog ) :-   Kalasarpa yog kaalsarpa yog
जब जन्मकुंडली के चौथे भाव में राहु और दसवे भाव में केतु हो और उनके बीच सारे ग्रह हों तो यह योग शंखपाल कालसर्प योग कहलाता है।
पद्म कालसर्प योग  ( Padma Kal sarp Yog ):- Kalasarpa yog kaalsarpa yog
जब जन्मकुंडली के पांचवें भाव में राहु और ग्याहरहवें भाव में केतु हो और समस्त ग्रह इनके बीच हों तो यह योग पद्म कालसर्प योग कहलाता है।
महापद्म कालसर्प योग ( Maha Padma Kal sarp Yog ):- Kalasarpa yog kaalsarpa yog
जब जन्मकुंडली के छठे भाव में राहु और बारहवें भाव में केतु हो और समस्त ग्रह इनके बीच कैद हों तो यह योग महापद्म कालसर्प योग कहलाता है।
तक्षक कालसर्प योग ( Takshak Kal sarp Yog ):- .Kalasarpa yog kaalsarpa yog
जब जन्मकुंडली के सातवें भाव में राहु और केतु लग्न में हो तथा बाकी के सारे इनकी कैद मे हों तो इनसे बनने वाले योग को तक्षक कालसर्प योग कहते है।
कर्कोटक कालसर्प योग- (  Karkautak Kal sarp Yog ):-. Kalasarpa yog kaalsarpa yog
जब जन्मकुंडली के अष्टम भाव में राहु और दुसरे भाव में केतु हो और सारे ग्रह इनके मध्य मे अटके हों तो इनसे बनने वाले योग को कर्कोटक कालसर्प योग कहते है।
शंखनाद कालसर्प योग  ( Shankhanad Kal sarp Yog ) :- Kalasarpa yog kaalsarpa yog
जब जन्मकुंडली के नवम भाव में राहु और तीसरे भाव में केतु हो और सारे ग्रह इनके मध्य अटके हों तो इनसे बनने वाले योग को शंखनाद कालसर्प योग कहते है।
पातक कालसर्प योग  ( Patak Kal sarp Yog ):- Kalsarpa yog kaalsarpa yog
जब जन्मकुंडली के दसवें भाव में राहु और चौथे भाव में केतु हो और सभी सातों ग्रह इनके मध्य मे अटके हों तो यह पातक कालसर्प योग कहलाता है।
विषाक्तर कालसर्प योग ( Vishadhar Kal sarp Yog ):- Kalsarpa yog kaalsarpa yog
जब जन्मकुंडली के ग्याहरहवें भाव में राहु और पांचवें भाव में केतु हो और सारे ग्रह इनके मध्य मे अटके हों तो इनसे बनने वाले योग को विषाक्तर कालसर्प योग कहते है।
शेषनाग कालसर्प योग ( Shesnag Kal sarp Yog ):- Kalasarpa yog kaalsarpa yog
जब जन्मकुंडली के बारहवें भाव में राहु और छठे भाव में केतु हो और सारे ग्रह इनके मध्य मे अटके हों तो इनसे बनने वाले योग को शेषनाग कालसर्प योग कहते है।

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