अब यहां सवाल यह उठता है कि कितने दानों की माला धारण करनी चाहिए? अगर 26 की माला है तो सिर पर, 50 की गले में, 16 की माला हाथों में, 12 की मणिबंध में और 108, 50, 27 दानों की रुद्राक्ष माला धारण करने या जाप करने से बहुत पुण्य फल मिलता है। 108 की माला धारण करने वाला अपनी 21 पीढ़ियों का उद्घार करता है। जाबाल श्रुति के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने से किया गया पाप नगण्य हो जाता है। आंवले के सामान वाले रुद्राक्ष को उत्तम माना गया है। सफेद वर्ण के रुद्राक्ष ब्राह्मण को, रक्त वर्ण के क्षत्रिय को, पीत वर्ण के वैश्य को और कृष्ण वर्ण के रुद्राक्ष शूद को धारण करने चाहिए। रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को मांसाहारी भोजन, लहसुन, प्याज तथा नशीले भोज्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। ग्रहण में, संक्रांति, अमावस, पूर्णिमा और महाशिवरात्रि को रुद्राक्ष धारण करना बेहद शुभ माना जाता है।
रुद्राक्ष की पहचान
रुद्राक्ष की पहचान करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि जो रुद्राक्ष पानी में डूब जाए, वही असली होता है।
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