- ज्वर(बुखार) से पीडि़त होने पर भगवान शिव को जलधारा चढ़ाने से शीघ्रताशीघ्र लाभ मिलता है। सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी जलधारा द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है।
- उत्तम भस्म धारण कर दिव्य द्रव्यों से शिव की पूजा करने तथा सहस्त्रनाम मंत्रों से घी की धारा चढ़ाने से वंश की वृद्धि होती है।
- नपुंसक व्यक्ति अगर घी की धारा शिव पर चढ़ाएं व ब्राह्मणों को भोजन कराए तथा प्राजापत्य व्रत करे तो उसकी समस्या का निदान हो जाता है।
- बुद्धि जड़ हो जाने पर शिव को शक्कर मिला दूध चढ़ाने से साधक बृहस्पति के समान बुद्धिमान हो जाता है। यदि किसी कार्य में मन न लगे तो भी शिव को दूध चढ़ाना चाहिए।
- भगवान शिव पर ईख(गन्ना) के रस की धारा चढ़ाई जाए तो सभी आनन्दों की प्राप्ति होती है।
-शिव को गंगाजल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।
- मधु(शहद) की धारा शिव पर चढ़ाने से राजयक्ष्मा(टी.बी) रोग दूर हो जाता है।
इन सभी रसों की धाराएं मृत्युंजय मंत्र से चढ़ानी चाहिए, उसमें भी उक्त मंत्र का दस हजार जप करना चाहिए तथा ग्यारह ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। तभी मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
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