लाल किताब के अनुसार कोई भाव सोया हुआ हो तो उस भाव का फल तब तक प्राप्त नहीं होता है जब तक कि वह भाव जागता नहीं है। अब मन में यह प्रश्न उठता है कि सोया भाव किसे कहते हैं।
जिस भाव में कोई ग्रह न हो या जिस भाव पर किसी ग्रह की दृष्टि न हो तो वह भाव सुप्त होगा।
यदि भाव सोया हुआ हो तो उसे कोई न कोई ग्रह जगा देता है।
अब आपको बताते हैं कि किस भाव को कौन सा ग्रह जगाता है।
पहले भाव को मंगल ग्रह जगाता है।
दूसरे भाव को चन्द्र ग्रह जगाता है।
तीसरे भाव को बुध ग्रह जगाता है।
चौथे भाव को चन्द्र ग्रह जगाता है।
पांचवे भाव को सूर्य ग्रह जगाता है।
छठे भाव को राहु ग्रह जगाता है।
सातवें भाव को शुक्र ग्रह जगाता है।
आठवें भाव को चन्द्र ग्रह जगाता है।
नौवें भाव को शनि ग्रह जगाता है।
दसवें भाव को शनि ग्रह जगाता है।
ग्याहरवें भाव को गुरु ग्रह जगाता है।
बारहवें भाव को केतु ग्रह जगाता है।
जो ग्रह जिस भाव को जगाता है उस ग्रह का उपाय करने से वह भाव जाग जाता है।
कुण्डली में पहला भाव सोया हुआ हो तो उन्हें हनुमान उपासना करनी चाहिए। भाईयों से अच्छे संबंध बनाने चाहिएं। मीठा भोजन दान करें या मिठाई बांटें।
कुण्डली में दूसरा भाव सोया हुआ हो तो चांदी धारण करना चाहिए, माता की सेवा करनी चाहिए एवं उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए।
कुण्डली में तीसरा भाव सोया हुआ हो तो दुर्गा उपासना करनी चाहिए, गाय को चारा खिलाएं व बहन से अच्छे संबंध बनाकर रखें। कुण्डली में चौथा भाव सोया हुआ हो तो चांदी धारण करना चाहिए, माता की सेवा करनी चाहिए एवं उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए।
कुण्डली में पांचवा भाव सोया हुआ हो तो सूर्य उपासना करनी चाहिए, रविवार के दिन लाल भूरी चीटियों को आटा, गुड़ देना चाहिए।
कुण्डली में छठा भाव सोया हुआ हो तो सरस्वती उपासना करें, मूली दान करें या कोयला बहते पानी में बहाएं। घर का द्वार दक्षिण में न रखें।
कुण्डली में सातवां भाव सोया हुआ हो तो लक्ष्मी उपासना करें, पत्नी या स्त्रियों से अच्छे संबंध बनाकर रखें, गोदान करें या ज्वार व चरी का दान करें।
कुण्डली में आठवां भाव सोया हुआ हो तो चांदी धारण करना चाहिए, माता की सेवा करनी चाहिए एवं उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए।
कुण्डली में नौवां भाव सोया हुआ हो तो भैरों जी की उपासना करनी चाहिए, तेल में छाया देखकर दान करें, शनि उपासना भी कर सकते हैं।
कुण्डली में दसवां भाव सोया हुआ हो तो भैरों जी की उपासना करनी चाहिए, तेल में छाया देखकर दान करें, शनि उपासना भी कर सकते हैं।
कुण्डली में ग्यारहवां भाव सोया हुआ हो तो ब्रह्मा जी की उपासना करें, केसर का तिलक लगाएं, केसर खाएं या नाभि पर लगाएं।
कुण्डली में बारहवां भाव सोया हुआ हो तो घर मे कुत्ता पालना चाहिए, गणेश उपासना करनी चाहिए, कुत्ते को रोटी खिलानी चाहिए।
No comments:
Post a Comment