Search This Blog

Thursday 21 July 2011

चाणक्‍य

आचार्य चाणक्‍य का सूत्र है कि ग्रह ही राज्‍य देते हें , ग्रह ही राज्‍य का हरण कर लेते हें । अत: जन्‍मकुण्‍डली के ग्रहों , चालू गोचर के ग्रहों आदि का इन प्रयोंगों में विचार करना अत्‍यंत आवश्‍यक रहता है ।

No comments:

Post a Comment