आपका घर आपका वास्तु कार्यक्रम के दौरान हम आपकी वास्तु संबंधी समस्याओं का दूर करते हैं। इसके लिए आप हमें फोन करते हैं और हमसे सवाल पूछते हैं। आपके सवालों का जवाब देने के लिए हमारे साथ मौजूद रहते हैं देश के जाने माने वास्तु विशेषज्ञ पंडित वैभवनाथ शर्मा।
वास्तु उपाय
1. आग्नेय कोण (पूर्व-दक्षिण का कोना) में रसोईघर होना चाहिए। किन्तु ऐसा न होने पर अग्नि तत्त्व में वृद्धि नहीं हो पाती है। इसके निवारण के लिए हम घर की इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं को जैसे फ्रीज, टी.वी. इत्यादि को इस कोने में रखकर इसे समृद्ध बना सकते हैं। इसी प्रकार घर की पूर्व एवं उत्तर दिशा को खाली व साफ सुथरा रखा जाना चाहिए। 2. पूर्व या उत्तर दिशा में रखी वस्तुओं के वजन से लगभग डेढ़ गुना वजन नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) या दक्षिण दिशा में रखा जाना चाहिए क्योंकि नैऋत्य कोण भारी होना चाहिए।
3. ईशान कोण (पूर्व-उत्तर) को हमेशा हल्का रखना चाहिए। ईशान कोण पवित्र एवं स्वच्छ रखा जाना चाहिए एवं एक घड़ा जल भरकर इस कोने में रखना चाहिए, इसके जल तत्त्व में वृद्धि होने से उसके सत्परिणाम मिलते हैं।
4. घर की घड़ियों को हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में लगाया जाना चाहिए इससे अच्छे समय के आगमन के व्यवधान समाप्त होते हैं।
5. सभी महत्वपूर्ण कागजात व दस्तावेज को पूर्व या उत्तर दिशा में रखा जाना चाहिए ऐसा करने से इनसे संबंधित कार्य जल्दी सफल होते है ।
6. घर के शयन कक्ष दक्षिण पश्चिम में रखें, इससे घर के सभी सदस्यों को शांति मिलती है
7. पूजा-स्थल ईशान में रखें, धन और मान-सम्मान में वृद्धि होती है
8. तिजोरी पूर्व या उत्तर में रखें जगह न होने पर दक्षिण में रखें। ऐसा करने से तिजौरी हमेशा भरी रहती है।
9. स्नानागार दक्षिण पश्चिम की ओर होने से लाभ ही लाभ।
10 बैठक-स्थल उत्तर पूर्व या उत्तर पश्चिम में रहने से मेहमान सुख और समृद्धि लेकर आते हैं।
11. भोजन-कक्ष उत्तर पश्चिम में स्थापित करें। ऐसा करने से घर के सदस्यों का स्वास्थ्य ठीक रहता है।
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