Source: धर्म ङेस्क. उज्जैन
जन्मकुंडली में बारह घर होते हैं। सभी घरों यानी भाव का अपना एक विशेष प्रभाव होता है। इन घरों में पडऩे वाली राशि और ग्रह हमारे पूरे जीवन पर जन्म से लेकर मृत्यु तक असर डालते हैं। ज्योतिष में नौ ग्रहों को बारह राशियों का स्वामित्व दिया गया है। इन नौ ग्रहों को आपस में शत्रु और मित्र बताया गया हैं। यह राशि और ग्रह मिल कर ही कुंडली में शुभ और अशुभ योग बनाते हैं।
पाप ग्रह और उनकी राशियां मिलकर कुंडली में दोष पैदा करते हैं। ज्योतिष के अनुसार कुंडली में कई तरह के दोष बताए गए हैं। वैसे तो कुंडली के विशेष दोषों को खत्म करने के लिए विशेष पूजा की जाती है, लेकिन कुछ छोटे-छोटे दोष जो बड़ा अशुभ फल देेते हैं, उनके निवारण के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं। जिनसे जीवन में परेशानियां और संकट दूर हो जाते हैं।
कुंडली के दोष मिटाने के उपाय
- शिवजी की उपासना करें।
- सोमवार का व्रत करें।
- भगवान शिव पर चांदी का नाग अर्पण करें।
- बिल्व पत्रों से 108 आहूतियां दें।
- अपने इष्ट देवता की पूजा करें।
- कुल के देवी देवता की पूजा करें।
- पितृ दोष खत्म करने के लिए पितृ पूजा या तर्पण करें।
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