हर इंसान जीवन में छोटी या बड़ी गलतियां करता है। किंतु जब कोई गलत फैसला उसे बड़ा नुकसान पहुंचाता दे तो उसके पछतावे या दु:ख में जीवन चैन से नहीं गुजरता। कुछ लोग संयम और धैर्य से ऐसी हालात से बाहर आ जाते हैं, किंतु कुछ लोगों का मन-मस्तिष्क आगे की न सोचकर उल्टे नुकसान की पीड़ा में ही उलझ जाता है। जिससे समय और ऊर्जा ही हानि होती है।
इससे बचने के लिए व्यावहारिक समझ तो जरूरी है ही किंतु अगर धार्मिक उपायों के बारे में बात करें तो ज्योतिष विज्ञान में ऐसी स्थिति के लिए राहु ग्रह के बुरे योग को कारण माना जाता है। राहु क्रूर ग्रह है, जिसका बुरा असर मानसिक अशांति, बेचैनी, कमजोर निर्णय क्षमता, भय, व्यग्रता, क्रोध, उत्तेजना और हिंसक भावना को बढ़ाने वाला होता है।
ऐसी गंभीर समस्यायों से निजात पाने के लिए शास्त्रों में शनिवार के दिन राहु मंत्रों का जप प्रभावी माना गया है। जानते हैं राहु मंत्र और पूजा की सरल विधि-
- शनिवार के दिन स्नान कर नवग्रह मंदिर में राहु पूजा के दौरान या पूरे दिन नीले या काले रंग के कपड़े पहनें।
- राहु पूजा में गंध, अक्षत, नीले फूल चढ़ाएं। देव रूप राहु को तिल्ली से बनी बर्फी या लड्डू, मीठी रोटी या मीठे चूरमे का भोग लगाएं।
- धूप सहित तिल के तेल का दीपक लगाकर राहु के नीचे बताए बीज मंत्र या तांत्रिक मंत्र की कम से कम तीन या 18 माला का जप करें।
पौराणिक मंत्र -
नीलाम्बरो नीलवपु: किरीटी करालवक्त्र: करवालशूली।
चतुर्भुजश्चक्रधरश्च राहु: सिंहाधिरूढो वरदोऽस्तु मह्यम॥
- तांत्रिक मंत्र
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं राहवे नम:
बीज मंत्र -
ॐ रां राहवे नम:
- अंत में दीप आरती कर सभी मानसिक दु:खों और परेशानियों से छुटकारे की कामना करें। साथ ही शाम के समय पीपल की जड़ में तेज का दीपक भी जलाएं।
from: dainikbhaskar.com
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