‘शाबर-मन्त्रों की पूर्ण सफलता के लिये ‘शाबरी-यन्त्र’ को सिद्ध करना चाहिए। इसके लिये अपने सामने लकड़ी का एक पाटा रखें। पाटे पर पीला रेशमी वस्त्र बिछाए। रेशमी वस्त्र पर ३ या ५ मुट्ठी अक्षत रखें। अक्षत के सामने कागज पर छपा हुआ या धातु पर उत्कीर्ण सर्व-सिद्धि-दायक ‘शाबर-यन्त्र’ रखें। यन्त्र पर चन्दन, रोली लगाए, यन्त्र के सम्मुख दीप जलाए और अगर-बत्ती-धूपादि से सुगन्धित करे। पुष्प और बिल्व-पत्रादि चढ़ाए। तब ‘गणपति, और ‘गुरु’ का स्मरण कर ‘यन्त्र के सम्मुख हाथ जोड़कर निम्न मन्त्र पढ़े-
“ॐ ह्राङ्क ह्रीङ्क क्लीङ्क ह्रौङ्क ब्ल्युङ्क ह्रौङ्क हुँः।”उक्त मन्त्र पढ़ने के बाद निम्न मन्त्र जपें-
“ॐ नमो महा-शाबरी शक्ति, मम अनिष्ट निवारय-निवारय। मम कार्य-सिद्धि कुरु-कुरु स्वाहा।”
जप के बाद यन्त्र को प्रणाम कर स्वच्छ वस्त्र आदि में अपने पास रखें।
लाभ- इससे सभी कार्य शीघ्र सिद्ध होंगे। संकटों का निवारण होगा। दुःख-दारिद्रय की निवृत्ति होगी और धन की प्राप्ति होगी। यन्त्र जहाँ भी होगा या स्थापित होगा, वहाँ की सभी प्रकार की अला-बला, भूतादिक उपद्रव नष्ट हो जाते हैं।
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