30 JULY,2011 शनिवार को शनिश्चरी अमावस्या का योग बन रहा है। धर्म शास्त्रों में इस दिन को शनि दोष कम करने के लिए उपयुक्त माना गया है। इस दिन यदि नीचे लिखे उपाय करेंगे तो शनि का अशुभ प्रभाव कम होता है और जीवन में सुख-शांति आती है।
उपाय
1- जटावाले 11 नारियल लें। सभी को एक-एक कर दाएं हाथ में पकड़ें और दाएं कान की तरफ से बाईं ओर 21 बार घुमाकर दोनों हाथों से जल में प्रवाहित कर दें।
2- सवा मीटर काले कपड़े में सवा किलो जौ अथवा चने, थोड़े कोयले एवं दो लोहे की कीलें रखकर पोटली बनाएं। उस पोटली पर गंगाजल छिड़कें और अपने ऊपर से उसार कर आदर के साथ बहते जल में प्रवाहित कर दें।
3- इस दिन घोड़े की नाल या नाव या जहाज की कील की अंगूठी बनवा कर पहले उसे कच्चे दूध व गंगा जल से धोएं और ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनयै नम: मंत्र का जप करते हुए मध्यमा अंगुली में धारण कर लें।
4- आठ किलो, आठ सौ ग्राम या अस्सी ग्राम काली उड़द बहते हुए पानी में प्रवाहित करें।
5- शुक्रवार को काले चने भिगो दें। शनिवार को ये चने तालाब में मछलियों को डाल दें।
6- इस दिन काली गाय, बंदर और काले कुत्ते को बूंदी के लड्डू खिलाएं।
7- शनिश्चरी अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं। श्रावण मास होने के कारण और भी श्रेष्ठ फल प्राप्त होगा।
उपाय
1- जटावाले 11 नारियल लें। सभी को एक-एक कर दाएं हाथ में पकड़ें और दाएं कान की तरफ से बाईं ओर 21 बार घुमाकर दोनों हाथों से जल में प्रवाहित कर दें।
2- सवा मीटर काले कपड़े में सवा किलो जौ अथवा चने, थोड़े कोयले एवं दो लोहे की कीलें रखकर पोटली बनाएं। उस पोटली पर गंगाजल छिड़कें और अपने ऊपर से उसार कर आदर के साथ बहते जल में प्रवाहित कर दें।
3- इस दिन घोड़े की नाल या नाव या जहाज की कील की अंगूठी बनवा कर पहले उसे कच्चे दूध व गंगा जल से धोएं और ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनयै नम: मंत्र का जप करते हुए मध्यमा अंगुली में धारण कर लें।
4- आठ किलो, आठ सौ ग्राम या अस्सी ग्राम काली उड़द बहते हुए पानी में प्रवाहित करें।
5- शुक्रवार को काले चने भिगो दें। शनिवार को ये चने तालाब में मछलियों को डाल दें।
6- इस दिन काली गाय, बंदर और काले कुत्ते को बूंदी के लड्डू खिलाएं।
7- शनिश्चरी अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं। श्रावण मास होने के कारण और भी श्रेष्ठ फल प्राप्त होगा।
No comments:
Post a Comment