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Friday 8 July 2011

क्या है पितृ दोष और उसका निवारण

जन्म कुण्डली का नौवां घर धर्म का घर कहा जाता है। यही पिता का घर भी होता है। यदि किसी प्रकार से यह नवां घर खराब ग्रहों से ग्रसित हो जाए तो यह सूचना है कि पूर्वजों की इच्छाएं अधूरी रह गयी थीं। सूर्य, मंगल और शनि प्राकृतिक रूप से खराब ग्रह कहे जाते है और कुछ लग्नों में अपना काम करते हैं लेकिन राहु और केतु सभी लग्नों में अपना दुष्प्रभाव देते हैं। ज्योतिषविदों के मुताबिक, नवां भाव, नवें भाव का मालिक ग्रह, नवां भाव चन्द्र राशि से और चन्द्र राशि से नवें भाव का मालिक अगर राहु या केतु से ग्रसित है तो यह पितृ दोष कहा जाता है। इस प्रकार का जातक हमेशा किसी न किसी प्रकार के तनाव में रहता है और उसकी शिक्षा पूरी नहीं हो पाती।वह जीविका के लिए तरसता रहता है,वह किसी न किसी प्रकार से दिमागी या शारीरिक रूप से अपंग होता है। यदि किसी भी तरह से नवां भाव या नवें भाव का मालिक राहु या केतु से ग्रसित है तो यह सौ प्रतिशत पितृदोष के कारणों में आ जाता है। पितृ दोष किसी भी प्रकार की सिद्धि को नहीं आने देता है। सफ़लता कोसों दूर रहती है और व्यक्ति केवल भटकाव की तरफ़ ही जाता रहता है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति माता काली का उपासक है तो किसी भी प्रकार का दोष उसके जीवन से दूर रहता है। व्यक्ति की अनदेखी या अधिक आधुनिकता के प्रभाव के कारण समय से अर्पण न करने पर जो पितृ पिशाच योनि मे चले जाते हैं और दुखी रहते हैं। पितृ दोष हर व्यक्ति को परेशान कर सकता है इसलिये निवारण बहुत जरूरी है।
पितृदोष को दूर करने का एक बढ़िया उपाय एक बार की ही पूजा है। यह पूजा किसी भी प्रकार के पितृदोष को दूर करती है। सोमवती अमावस्या को (जिस अमावस्या को सोमवार हो) पास ही स्थित किसी पीपल के पेड़ के पास जाइये और उस पेड़ को एक जनेऊ दीजिये और एक जनेऊ भगवान विष्णु के नाम का उसी पीपल को दीजिये। पीपल के पेड़ और भगवान विष्णु की प्रार्थना कीजिये, फिर उस पीपल के पेड़ की एक सौ आठ परिक्रमा दीजिये। हर परिक्रमा के बाद एक मिठाई (जो भी आपके स्वच्छ रूप से हो) पीपल को अर्पित कीजिये। परिक्रमा करते वक्त :ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करते जाइये। परिक्रमा पूरी करने के बाद फ़िर से पीपल के पेड़ और भगवान विष्णु की प्रार्थना कीजिये। उनसे जाने-अनजाने में हुए अपराधों के लिए क्षमा मांग लीजिए। सोमवती अमावस्या की पूजा से बहुत जल्दी ही उत्तम फ़लों की प्राप्ति होने लगती है।
दूसरा उपाय है, जिसके तहत कौओं और मछलियों को चावल और घी मिलाकर बनाए गए लड्डू हर शनिवार को दीजिए।
आगे के पांच साल में आने वाली सोमवती अमावस्यायें :-29th August 2011
23rd Jan. 2012
15th October 2012
11th March 2013.
8th July 2013
2nd December 2013
25th August 2014
22nd December 2014

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