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Wednesday 22 June 2011

क्या आप अपने नकारात्मक विचार से परेशान है ?



क्या आप अपने नकारात्मक विचार से परेशान है ?
मन में आते है बुरे ख्याल ?
क्या घर से बाहर आप जादा सुखी व प्रसन्न रहते है ? 
क्या आपका आत्मविश्वास दिनों दिन गिरता जा रहा है ? 
क्या आपको अपने घर में आते ही क्रोध व गुस्सा आता है ?
क्या आपका व्यहार अपने परिवार से बहुत ही कठोर और कडवा हो गया है ? क्या आपने कभी सोचा....इसका कारण आपके घर का गंभीर वस्तु दोष भी हो सकता है...........? 
तो जानिए गंभीर वस्तु दोष के सरल चमत्कारी उपाय........


यदि आपको अपने घर या अपने घर के किसी भी कमरे में कुछ जादा ही नकरात्मक विचार आते है या उस कमरे में नकारात्मक उर्जा जादा महसूस होती है तो इसका प्रमुख कारण घर या उस कमरे विशेष में वास्तु दोष का होना है | इस समस्या के कई कारण प्रमुख है, यदि घर की लम्बाई चौड़ाई पूर्व - पश्चिम जादा होगी जिसे वास्तुशास्त्र में सूर्य भेदी भवन कहते है, ऐसा होने से नकारात्मक विचार, बात बात पर क्रोध आना व उत्तेजना का होना, आर्थिक, मानसिक व शारीरिक कष्ट, उच्च रक्तचाप जैसी समस्या का होना माना जाता है | ऐसा तब भी होता है जब घर का उत्तर पूर्व का कोना दूषित होगा या फिर घर के दक्षिण पश्चिम के कोने में कोई गंभीर वास्तु दोष होगा |
1 - घर के ईशान्य कोण में यदि दोष हो तो उसमें ताम्र कलश में जल भर कर, थोड़ी सी हल्दी चूर्ण व पंच रत्न डालकर, कलश पर केसर से स्वास्तिक बनाकर स्थापित करे।
2 - अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करे के घर व घर के हर कमरों में सात्विक, हल्के व शुभ रंग व सजावटी वस्तुओ का ही सयोंजन हो |
3 - घर में ख़राब विद्युत उपकरण, अनावश्यक वस्तु,  निर्जीव - सूखे पौधे या सूखे फूलों का गुलदस्ता निराशा में वृद्धि करता है क्यूंकि सूखे फूल मृत शारीर के सामान है जिनसे सदैव नकारात्मक उर्जा ही निकलती है तो अच्छे विचार कहाँ से आ सकते है |
4 - घर में जागृत फूलों का पौधा, गुलदस्ता अवश्य रखे।
5 - आतंरिक सज्जा हेतु उदास, रोती हुई, गंभीर, भद्दी आकृतियां, कलाकृतियों तथा चित्रों का प्रयोग बिलकुल न करे, इनका सीधा प्रभाव व्यक्ति की मनोदशा, स्वास्थ्य व घर की शुभ उर्जा पर पड़ता है |
6 - भवन के अन्दर या आसपास सूखे, जले हुए, कटे, वृक्ष न हो, यह अशुभता में वृद्धि करते है |
7 - भवन में या उसके आस पास को बड़े कारखाने, कर्कश आवाज़े, तनाव युक्त कष्ट का वातावरण जैसे कचहरी, थाना, बिजली घर, अस्पताल, देवी मंदिर न हो क्यूंकि इनके आसपास की नकारात्मक उर्जा भी आपके वास्तु पर बुरा प्रभाव डालती है |
8 - पुराने भवन में अक्सर सीलन की समस्या देखी जाती है जो शास्त्र में वास्तु पुरुष के चर्म रोग के सामान मानी गई है तथा नकारात्मक ऊर्जा का सूचक होती हैं, किसी घर में यदि देवता ही पीड़ित है तो रहने वाले कहाँ से सुखी हो सकते है, ऐसी इस्थ्ती में उसे तत्काल ठीक करा लेना चाइये |
9 - किसी व्यक्ति का उत्तर पश्चिम दिशा के कमरे में जादा दिन तक नियमित रहना भी उसके बुरे विचार, बुरी आदते, मानसिक तनाव व दिवालियेपन का प्रमुख कारण बनता है |  

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