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Wednesday 17 July 2013

गुरु का फल शुभ कम मिलता

ज्ञात हुआ है कि गुरु का फल शुभ कम मिलता है। पुराणों में उच्च गुरु के अशुभ फल वर्णित है-
जन्म लग्ने गुरुश्चैव रामचंद्रो वनेगतः
तृतीय बलि पाताले, चतुर्थे हरिश्चंद्र,
षष्टे द्रोपदी चीरहरण च हंति रावणष्ट मे,
दशमे दुर्योधन हंति द्वादशे पांडु वनागतम्‌।

3 comments:

  1. इस का क्या रथ है?

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    1. जन्म लग्ने गुरुश्चैव रामचंद्रो वनेगतः
      तृतीय बलि पाताले, चतुर्थे हरिश्चंद्र,
      षष्टे द्रोपदी चीरहरण च हंति रावणष्ट मे,
      दशमे दुर्योधन हंति द्वादशे पांडु वनागतम्‌ ।
      इस का क्या अर्थ है?

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  2. जन्म लग्ने गुरुश्चैव रामचंद्रो वनेगतः
    तृतीय बलि पाताले, चतुर्थे हरिश्चंद्र,
    षष्टे द्रोपदी चीरहरण च हंति रावणष्ट मे,
    दशमे दुर्योधन हंति द्वादशे पांडु वनागतम्‌ । इस का क्या अर्थ है?

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