बारा महीनों के बारह मंत्र अलग-अलग होते है | सूर्य को जल तो देते है केवल
ये मंत्र जोड़ देना है तो बाह्य जीवन की विप्पतियाँ दूर हो सकती है और साधना
के मार्ग में आनेवाली विपत्तियाँ भी दूर हो सकती है क्योकि सूर्य भगवान
स्वयं गुरुभक्त है । इन मंत्रों से अर्घ्य देकर प्रार्थना करना कि सूर्य
भगवान आपकी अपने गुरु ब्रहस्पतिजी के प्रति भक्ति है ऐसी मेरी मेरे बापूजी
के प्रति हो जाय | मेरी मेरे गुरुदेव के प्रति हो जाय | ऐसी मुझे सद्बुद्धि
दो | बारह महीनों के बारह मंत्र सूर्य भगवान को जल देते समय बोलो –
मार्गशीर्ष मास का मंत्र - ॐ धाताय नम:
पौष मास का मंत्र – ॐ मित्राय नम:
माघ मास का मंत्र – ॐ अर्यमाय नम:
फाल्गुन मास का मंत्र – ॐ पुषाय नम:
चैत्र मास का मंत्र - ॐ शक्राय नम:
वैशाख मास का मंत्र – ॐ अन्शुमानाय नम:
ज्येष्ठ मास का मंत्र – ॐ वरुणाय नम:
आषाढ़ मास का मंत्र – ॐ भगाय नम:
श्रावण मास का मंत्र – ॐ त्वष्टाय नम:
भाद्रपद मास का मंत्र – ॐ विवश्वते नम:
आश्विन मास का मंत्र – ॐ सविताय नम:
कार्तिक मास का मंत्र – ॐ विष्णवे नम:
मार्गशीर्ष मास का मंत्र - ॐ धाताय नम:
पौष मास का मंत्र – ॐ मित्राय नम:
माघ मास का मंत्र – ॐ अर्यमाय नम:
फाल्गुन मास का मंत्र – ॐ पुषाय नम:
चैत्र मास का मंत्र - ॐ शक्राय नम:
वैशाख मास का मंत्र – ॐ अन्शुमानाय नम:
ज्येष्ठ मास का मंत्र – ॐ वरुणाय नम:
आषाढ़ मास का मंत्र – ॐ भगाय नम:
श्रावण मास का मंत्र – ॐ त्वष्टाय नम:
भाद्रपद मास का मंत्र – ॐ विवश्वते नम:
आश्विन मास का मंत्र – ॐ सविताय नम:
कार्तिक मास का मंत्र – ॐ विष्णवे नम:
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