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Friday 2 November 2012

सीखें कृष्ण से

सफल गृहस्थी के सूत्र सीखें कृष्ण से

पति-पत्नी का रिश्ता सबसे पवित्र और विश्वसनीयता का रिश्ता होता है। आधुनिकता की दौड़ में इस रिश्ते में दूरियां बढ़ रही हैं और विश्वास भी कम होता जा रहा है। कई दम्पतियों के लिए तो यह रिश्ता बोझ सा होता जा रहा है। इस रिश्ते में प्रेम कैसे बढ़े? विश्वास कैसे कायम रहे? ऐसा क्या करें कि पति-पत्नी में विवाद न हो? गृहस्थी सुख, शांति और आनंद के साथ कैसे चले? श्रीमद् भागवत में इनके जवाब हैं। आज के युवाओं के लिए यह सवाल महत्वपूर्ण हो गए हैं। शादी के एक-दो साल के भीतर ही, कई बार तो दो-तीन माह में ही ऐसी स्थिति बन जाती है कि पति-पत्नी साथ तो रहते हैं लेकिन उनके बीच रिश्ता बेगानों सा ही हो जाता है। इस रिश्ते की मिठास को कैसे कायम रखा जाए इसके सूत्र आप श्रीकृष्ण से सीख सकते हैं। श्रीमद् भागवत में कई प्रसंग ऐसे आते हैं जहां श्रीकृष्ण पति-पत्नी के रिश्ते को लेकर गंभीर बातों का संकेत करते हैं। जानिए, ये संकेत क्या हैं :- - पति-पत्नी जब भी एकांत में मिलें तो किसी तीसरे व्यक्ति की बात न करें। उनकी बातें एक-दूसरे से जुड़ी हों और दोनों के बीच की ही हों। इससे लगभग अस्सी फीसदी तनाव कम हो जाएगा। - एक-दूसरे के प्रति पूरा सम्मान हो, दोनों एक-दूसरे के मनोभावों को ठीक तरह से समझने का प्रयास करें। - हमेशा गंभीर न रहें, हंसी-मजाक और विनोदभाव भी हो। इससे रिश्ते का भारीपन दूर होता है। - सप्ताह में एक दिन पति-पत्नी किसी देवस्थान पर साथ जाएं। इससे रिश्ते में पवित्रता भी बढ़ेगी। - एक-दूसरे के रिश्तेदारों को पूरा सम्मान दें। - पति पत्नी को पूरा समय दे, और पत्नी पति को उसके कर्तव्य पूरे करने से न रोके , इससे कभी आपके बीच विवाद नहीं होगा। इसका सबसे अच्छा तरीका है साथ बैठकर इन बातों को तय कर लें। - कभी एक-दूसरे को अपने वश में करने का प्रयास न करें, बल्कि कोशिश ये करें कि एक-दूसरे के प्रति समर्पण हो, एक-दूसरे का होने का प्रयास करें। इनके अलावा भी भागवत में कई संकेत मिलते हैं जिन्हें अपनाकर अपनी गृहस्थी को सफल और प्रेमपूर्ण बनाया जा सकता है।

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