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Saturday 16 June 2012

पूजा

पूजा करने के दैनिक महत्त्वपूर्ण नियम।।
आज कल सभी लोग नित्य पूजा प्रार्थना करते हैं परन्तु सभी को पूर्ण सफलता नहीं मिलती, जिसका कारन यह है की हम पूजा पाठ में छोटी छोटी गलतियाँ करते हैं जिनसे देवता रुष्ट हो जाते हैं। तो जानिये ये कौन कौन से नियम है जो हमें दिला सकते हैं देवताओं का आशीर्वाद, सुख समृधि, और अथाह धन।
  • दिये (दीपक) से दिया नहीं जलाना चाहिए।
  • गणेश जी व भैरव जी को तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए।
  • रविवार, एकादशी, द्वादशी, संक्रांति व संध्याकाल में तुलसी नहीं तोड़नी चाहिए।
  • दुर्गा जी को दूर्वा नहीं चढ़ानी चाहिए।
  • पूजाघर में मूर्तियां एक, तीन, पांच, सात, नौ या 11 इंच से बड़ी नहीं होनी चाहिए। गणेश जी, सरस्वती जी अथवा लक्ष्मी जी की खड़ी हुई मूर्तियां घर में नहीं होनी चाहिए।
  • प्रतिदिन की पूजा में मनोकामना पूर्ति के लिए दक्षिणा अवश्य चढ़ाएं। दक्षिणा में अपने दोष, दुर्गुणों को छोड़ने का संकल्प लें, अवश्य सफलता मिलेगी और मनोकामना पूर्ण होगी।
  • आरती करने वालों को सबसे पहले चार बार चरणों की, दो बार नाभि की और एक या तीन बार मुख की और समस्त अंगों की सात बार आरती करनी चाहिए।
  • मंदिर के ऊपर भगवान के वस्त्र, पुस्तकें एवं आभूषण आदि न रखें। मंदिर में पर्दा अत्यावश्यक है। माता-पिता अथवा पितरों की तस्वीरें भी मंदिर में बिल्कुल न रखें।
  • घर में कलश अवश्य स्थापित करना चाहिए। कलश जल से पूर्ण, श्रीफल से युक्त विधिपूर्वक स्थापित करें। तुलसी का पूजन भी आवश्यक है।
  • कपूर का एक छोटा-सा टुकड़ा घर में प्रतिदिन अवश्य जलाना चाहिए, जिससे वातावरण ज़्यादा से ज़्यादा शुद्ध हो तथा वातावरण में घनात्मक ऊर्जा में वृद्धि हो।
  • सेंधा नमक घर में रखने से सुख श्री की बढ़ोतरी होती है।
  • आचमन करके जूठे हाथ सिर के पृष्ठभाग में हरगिज़ न पोंछें, क्योंकि इस भाग में अत्यंत महत्वपूर्ण कोशिकाएं होती हैं।

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