देवताओ को चढ़ाये जाने वाले फूलो का महत्त्व
पुष्प चढाने से देवी देवता प्रसन्न होते है किसी भी देवता पर कभी भी जमीन पर गिरे हुए, कटे हुए, फटे हुए , गंदे , कीड़े लगे , दुसरो से मांगे या कही से चुराए हुए पुष्प नहीं चढाने चाहिए
अर्थार्त जो शोभा देती है वह माला है भगवन को जो पुष्पों की मलय चढ़ाई जाती है उनमे कमल अथवा पुंडरिक की माला को सर्वशेष्ट कहा गया है
अपने आराध्य देव के लिए कौन सा पुष्प चढ़ाना चाहिए और कौन सा पुष्प नहीं चढ़ाना चाहिए
श्री गणेश जी : आचार भूषण नमक ग्रन्थ अनुशार गणेश जी को तुलसी दल को छोड़कर सभी प्रकार के पुष्प प्रिय है
श्री शंकर जी : इनके पूजन में मौलसरी के पुष्प, धतूरे के पुष्प, हर्शिंगर व् नागकेसर के सफ़ेद पुष्प, सूखे कमल गट्टे, निर्गुणी कन्नेर, जावा कुसुम , आक का पुष्प , कुश आदि के पुष्प चढाने का विशेष महत्त्व है
श्री सूर्यनारायण ज : इनकी उपासना कुटज के पुष्पों से की जाती है इसके अलावा कनेर , कमल, चंपा मौलसरी , पलाश, आक , अशोक आदि के पुष्प भी चढ़ाये जाते है इन पर तगर का पुष्प नहीं चढ़ाया जाता है
माता भगवती गौरी : शंकर भगवन को चढ़ाये जाने वाले पुष्प माँ भगवती को प्रिय है इसके अलावा अपामार्ग , बेला, मदर, सफ़ेद कमल पलाश, चंपा , चमेली आदि पुष्प भी चढ़ाये जाते है, कुछ ग्रंथो में आक और मदार के पुष्प चढ़ाना मना किया गया है अत: अन्य पुष्पों के आभाव में ही इनका उपयोग करे
श्री कन्हैया जी : अपने प्रिय पुष्पों का उल्लेख महाभारत में उधिष्तर से कहते है है राजन मुझे कुमुद , कखरी , चणक मालती , नंदिक पलास और वनमाला के पुष्प प्रिय है
माँ लक्ष्मी : इनका सबसे अधिक प्रिय पुष्प कमल है
विष्णु जी : इन्हें कमल , मौलसरी , जूही , कदम्ब , केवड़ा , चमेली , अशोक ,मालती , बासंती , चंपा , वजयनती के पुष्प विशेष प्रिय है
पुष्प चढाने से देवी देवता प्रसन्न होते है किसी भी देवता पर कभी भी जमीन पर गिरे हुए, कटे हुए, फटे हुए , गंदे , कीड़े लगे , दुसरो से मांगे या कही से चुराए हुए पुष्प नहीं चढाने चाहिए
अर्थार्त जो शोभा देती है वह माला है भगवन को जो पुष्पों की मलय चढ़ाई जाती है उनमे कमल अथवा पुंडरिक की माला को सर्वशेष्ट कहा गया है
अपने आराध्य देव के लिए कौन सा पुष्प चढ़ाना चाहिए और कौन सा पुष्प नहीं चढ़ाना चाहिए
श्री गणेश जी : आचार भूषण नमक ग्रन्थ अनुशार गणेश जी को तुलसी दल को छोड़कर सभी प्रकार के पुष्प प्रिय है
श्री शंकर जी : इनके पूजन में मौलसरी के पुष्प, धतूरे के पुष्प, हर्शिंगर व् नागकेसर के सफ़ेद पुष्प, सूखे कमल गट्टे, निर्गुणी कन्नेर, जावा कुसुम , आक का पुष्प , कुश आदि के पुष्प चढाने का विशेष महत्त्व है
श्री सूर्यनारायण ज : इनकी उपासना कुटज के पुष्पों से की जाती है इसके अलावा कनेर , कमल, चंपा मौलसरी , पलाश, आक , अशोक आदि के पुष्प भी चढ़ाये जाते है इन पर तगर का पुष्प नहीं चढ़ाया जाता है
माता भगवती गौरी : शंकर भगवन को चढ़ाये जाने वाले पुष्प माँ भगवती को प्रिय है इसके अलावा अपामार्ग , बेला, मदर, सफ़ेद कमल पलाश, चंपा , चमेली आदि पुष्प भी चढ़ाये जाते है, कुछ ग्रंथो में आक और मदार के पुष्प चढ़ाना मना किया गया है अत: अन्य पुष्पों के आभाव में ही इनका उपयोग करे
श्री कन्हैया जी : अपने प्रिय पुष्पों का उल्लेख महाभारत में उधिष्तर से कहते है है राजन मुझे कुमुद , कखरी , चणक मालती , नंदिक पलास और वनमाला के पुष्प प्रिय है
माँ लक्ष्मी : इनका सबसे अधिक प्रिय पुष्प कमल है
विष्णु जी : इन्हें कमल , मौलसरी , जूही , कदम्ब , केवड़ा , चमेली , अशोक ,मालती , बासंती , चंपा , वजयनती के पुष्प विशेष प्रिय है
Thanks for sharing a well written content with us. Keep Posting !!! Best Astrologer for Shubh Muhurat
ReplyDelete