ग्रह पीडा निवारक स्नान
जालवन्ती, कुष्ठ, वला पियंगु, मुस्ता, सरसों, हल्दी, देवदारू, सरपंख और लोध- इन्हें गंगाजल में भिगोकर स्नान
जालवन्ती, कुष्ठ, वला पियंगु, मुस्ता, सरसों, हल्दी, देवदारू, सरपंख और लोध- इन्हें गंगाजल में भिगोकर स्नान
करने से समस्त ग्रहों की शान्ति होती है तथा शारीरिक पीडा दूर होती है।
इन्हें यदि तीर्थजल में मिलाकर स्नान किया जाए तो अवश्य लाभ होता है।
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