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Wednesday 11 January 2012

किसी न किसी दु:ख

वर्तमान समय में हर मनुष्य किसी न किसी दु:ख से पीड़ित है। ऐसे में वह ज्योतिष से अपनी समस्याओं का हल जान सकते हैं। पर किसी भी जातक को मनोनुकूल परिणाम तभी मिल पाता है, जब वह सही ग्रह या नक्षत्रों की साधना करता है। कहते हैं कि नक्षत्र का कम से कम 40 प्रतिशत प्रभाव तो रहता ही हैं। जाने आपके नक्षत्र क्या कहते हैं। अपने जन्म नक्षत्र के अनुसार देवता का पुजन सदैव फलदायी रहता हैं।



·    जिन जातकों का जन्म कृतिका, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में हुआ है, उन्हें सूर्य की आराधना बेहद लाभदायी हो सकती है। ऐसे लोग माह में एक बार किसी भी रविवार को अनाज, गेहूं, गुड़, रोटी, तांबा, सोना, लाल वस्त्र, चंदन, लाल केसर, माणिक्य आदि में से एक वस्तु सामर्थ्यनुसार दान करें। 


·    जिन जातकों का जन्म रोहिणी, हस्त, श्रवण में हुआ हो, उन्हें चंद्र देव की आराधना लाभदायक होती है। ये लोग यदि सोमवार को चावल, खीर, शक्कर, दही-मट्ठा, सफेद गाय, सफेद कपड़ा, पेठा आदि में से कोई एक वस्तु दान करें, तो लाभ होगा।

·    जिन जातकों का जन्म मृगशिरा, चित्रा, धनिष्ठा नक्षत्र में हुआ हो, वे मंगलदेव या हनुमान जी की आराधना करें और माह में एक बार किसी भी मंगलवार को दोपहर में तांबा, मूंगा, लाल कपड़ा, टमाटर आदि का दान करें।

·    अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्रों में जन्मे जातकों को बुध देव की आराधना करनी चाहिए और माह में किसी एक बुधवार को हरी धनिया, हरी सब्जी, कांसे के बर्तन, पन्ना, आंवला आदि में से किसी एक वस्तु का दान करना चाहिए। 


·    जिन जातकों का जन्म पुनर्वसु, विशाखा, पूर्वाभाद्रपद में हुआ हो, वे अपने गुरु की आराधना से पीड़ामुक्त हो सकते हैं। या फिर इन्हें विष्णु की आराधना से लाभ होगा। ये माह में किसी एक गुरुवार को केला, आम, पीला वस्त्र, पुस्तकें, चने की दाल, स्वर्ण, पुखराज आदि में से किसी एक वस्तु का दान अपनी सामर्थ्यनुसार कर सकते हैं। 


·    ऐसे जातक जिनका जन्म भरणी, पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा आदि नक्षत्रों में हुआ हो, वे लक्ष्मी-नारायण की आराधना से शांति पा सकते हैं। इन्हें शुक्रवार को दूध, दही, खीर, सफेद चंदन, धुली उड़द, स्फटिक, हीरा आदि में से कोई एक वस्तु दान करना शुभ हो सकता है। 


·    ऐसे जातक जिनका जन्म पुष्य, अनुराधा, उत्तराभाद्रपद नक्षत्रों में हुआ हो, वे शिव या हनुमान जी की आराधना से सुफल पा सकते हैं। ये महीने में एक बार किसी एक शनिवार को, काले तिल, लोहा, चमड़ा, लोहे का सामान और काला कंबल आदि दान करके नक्षत्र दोष दूर कर सकते हैं। 


·    ऐसे जातक जिनका जन्म आर्द्रा, स्वाति, शतभिषा नक्षत्रों में हुआ हो, उन्हें नाग देवता की मूर्ति की आराधना करना लाभदायक रहेगा। ऐसे जातक महीने के किसी शनिवार को सूर्यास्त के बाद तेल, तिल, लोहा, रांगा, मूली, नीले कपड़े, काला-सफेद कंबल, गोमेद आदि दान करें, तो इनके जीवन में शांति आएगी।


·    यदि जातकों का जन्म अश्वनी, मघा, मूल नक्षत्रों में हुआ हो, तो इन्हें गणेश जी की आराधना करनी चाहिए। ये महीने के किसी गुरुवार या बुधवार को धूसर रंग के वस्त्र, मछली, तलवार, लहसुनिया आदि में से किसी एक वस्तु का दान अपनी सामर्थ्यनुसार कर सकते हैं। ये जातक मंदिर में झंडा लगवाएं, तो भी इन्हें लाभ होगा।

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