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Monday 10 October 2011

ध्‍यान के लिए

ध्‍यान के लिए जड़ी बूटियां


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Ayurvedic treatmentध्यान शुरू करने से पहले मानसिक शांति की ज़रूरत होती है और इसके लिए जड़ी बूटियों बहुत ही फायदेमंद होती हैं। जड़ी बूटियों के प्रयोग से व्‍यक्ति की थकान, चिन्ता कम होती है। व्‍यक्ति अपनी सुविधा और पसन्द के अनुसार किसी भी जड़ी बूटी का प्रयोग कर सकता हैं। जड़ी बूटियों से चिकित्सा के बारे में तो हम सालों से सुनते आये हैं। लेकिन जड़ी-बूटी की शुरूवात में आप पहले कोई भी जड़ी बूटी चुन सकते हैं और फिर जड़ी बूटियों का काम्बिनेशन में उपयोग कर सकते हैं क्योंकि जड़ी बूटियों के प्रभाव हमेशा सिनर्जेस्टिक होते हैं। कुछ जड़ी बूटियों से मेडिटेशन में भी लाभ मिल सकता है:

बाह्मी: बाह्मी नामक जड़ी-बूटी, यह दिमाग के टानिक जैसी है। यह दिमाग को शांति और स्पष्टता प्रदान करती है और याद्दाश्त को मजबूत करने के साथ ध्यान करने में भी मदद करता है। बाह्मी से हमारे चक्र भी जागृत हो जाते हैं और दिमाग के बायें और दायें हेमिस्फियर संतुलित रहते हैं।  आधे चम्मच बाह्मी के पावडर को गरम पानी में मिला लें और स्वाद के लिए इसमें शहद मिला लें और मेडिटेशन से पहले इसे पीयें।


जटामासी: जटामासी जैसी जड़ी-बूटी, परेशान और उत्तेजित दिमाग को शांति पहुंचाता है। यह हिमालय पर पायी जाती है और इसमें वैलेरियन जैसे ही लक्षण पाये जाते हैं। यह याद्दाश्त बढ़ाने में भी सहायक होता है। 1 चम्मच जटामासी को 1 कप दूध में मिलाकर 5 मिनट तक छोड़ दें और सुबह पी लें।

हिबिस्कस: इसका संस्कृत नाम जपा है और इसका अर्थ है मंत्र का बार बार उच्चारण।  इस मंत्र की मदद से भी ध्यान में मन लगता है। एक चौथाई फूल को डेढ़ पाव ठंडे पानी में मिला दें और इसे एक कप गरम चाय के साथ पीयें।

शंख पुष्पी: शंख पुष्‍पी, यह हमारी बुद्धि को बढ़ाने के साथ-साथ दिमाग में सर्कुलेशन करके हमारी रचनात्मकता को भी बढ़ावा देता है। आयुर्वेद के पुराने ग्रंथचरक समहिता के अनुसार जड़ी बूटियों से हमारी याद करने की क्षमता और सीखने की क्षमता बढ़ती है जिससे मेडिटेशन में मदद मिलती है। आधे चम्मच शंख पुष्पी को एक कप गरम पानी में मिला कर लें। यह भी ध्‍यान में प्रभावी हैं।

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