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Wednesday 19 October 2011

धन तेरस



धन्वन्तरी ,यम , कुबेर तथा गो-त्रिरात्र पूजन का त्यौहार – धन तेरस

कार्तिक मास के क्रिशन पक्ष त्रयोदसी धन तेरस कहलाती है इस दिन चांदी का बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है परन्तु वास्तव में यह व्रत यमराज से सम्बन्ध रखने वाला व्रत है इस दिन संध्या के समय मुख्य दरवाजे पर एक बर्तन में अन्न रख कर उसक उपर यमराज के निमित दक्षिण की और मुख करके दीपदान करना चाहिए दीपदान करते समय निम्नलिखित प्रार्थना करनी चाहिए –

मृत्युना पाश्ह्स्ते न कालेन भार्यया सह । त्रयोदश्यां दीपदानातसूर्यज: प्रियतामिति ॥ यमुना जी यमराज की छलती बहन है इसलिए धन तेरस के दिन यमुना स्नान का का भी विशेष महत्व है यदि पुर दिन व्रत रखा जा सके तो अतिउतम है नहीं तो शाम के समय दीपदान अवश्य करना चाहिए

कार्तिक स्यसिते पक्षे त्रयोदश्यां निशामुखे , यमदीपं बहिर्दधयादपमृत्युरविनिष्यति ॥

कथा- एक बार यमराज ने अपने दूतों से कहा की तुम मेरी आज्ञा से मृत्यु लोक के प्राणियों के प्राण हरण करते हो क्या तम्हे कभी दुःख भी हुआ है इस पर यमदूतों ने कहा – महाराज हम लोगों का कर्म अत्यंत क्रूर है परन्तु जब कभी भी किसी युवा के के प्राण हरण करते समय वहाँ का करुण क्रन्दन हमे विचलित कर देता है अत: कोई ऐसी युक्ति बताए जिससे आकाल मृत्यु ना हो

इस पर यमराज ने कहा कि जो व्यक्ति धनतेरस के पर्व पर मेरे उद्धेश्य से दीप-दान करेगा उसकी आकाल मृत्यु नहीं होगी

धन तेरस के दिन क्या करें –

१ इस धन्वन्तरी जी का पूजन करें

२ नवीन झाड़ू एवं सूपड़ा खरीदकर उनका पूजन करें

३ सांयकाल दीपक प्रज्वलित कर के घर दुकान के आगे रखे

४ मंदिर गोशाला नदी के घाट कुआँ तालाब बगीचों में दीपक जलाए

५ अपनी क्र्य्शाक्तिनुसार ताबें पीतल चांदी के गृह के उपयोगी सामान व् आभूषण खरीदें

६ हल जुती मिटटी को दूध में भिगोकर उसमे सेमर की शाखा डालकर तीन बार अपने

शरीर पर फेरें

७ कार्तिक स्नान करके प्रदोष काल में घाट गोशाला बावड़ी कुआं मंदिर आदि स्थानों तीन दिन तक दीप जलाए

धनतेरस पूजन में क्या करें-

कुबेर पूजन –

१ शुभ महूर्त में व्यावसायिक प्रतिष्ठान नई गद्दी बिछाएं अथवा पुरानी को साफ़ कर के पुन: स्थापित करें

२ इसके पश्चात उस नया वस्त्र बिछाए

३ सांयकाल पश्चात १३ तेरह दीपक जलाए और तिजोरी में कुबेर का पूजन करें

कुबेर का ध्यान – हाथों में पुष्प में ले कर निम्न ध्यान करें और बोलें

श्रेष्ठ विमान पर विराजमान गरुड मणि के समान आभा वाले दोनों हाथों में गदा एवं वर धारण करने वाले सिर पर श्रेष्ठ मुकुट से अलंकृत तुन्दिल शरीर वाले भगवान शिव के प्रिय मित्र निधीश्वर कुबेर का मै ध्यान करता हूँ

इसके पश्चात निम्न मंत्र द्वारा चन्दन धुप दीप नैवेद्य से पूजन करें –

यक्षाय कुबेराय वैश्रवाणय धन धान्य समृद्धि में देहि दापय स्वाहा

इसके पश्चात कपूर से आरती उतारकर मन्त्र पुष्पांजलि अर्पित करें

यम दीप दान-

धन तेरस के सांयकाल किसी भी बर्तन में तिल का तेल से यक्त दीपक जलाए

१ इसके पश्चात गंध पुष्प अक्षत से पूजन कर दक्षिण दिशा की और मुख कर के यम से निम्न प्रार्थना करें

मृत्युना दंडपाशीयाम कालेन श्यामया सह, त्र्योद्श्याम दीपदानात सुर्य्ज: प्रयातं मम

-अब उन दीपकों से यम जा प्रसन्न करने हेतु सार्वजनिक स्थलों को प्रकाशित करें

- इस प्रकार एक अखंड दीपक घर के प्रमुख द्धार की देहरी पर किसी प्रकार का अन्न या गेहूं या चावल पर रखें ( ऐसी मान्यता है की इस प्रकार दीप दान करने से यम देवता के पाश और और नर्क से मुक्ति मिलती है

यमराज पूजन

इस दिन यम के लिए आटे का दीपक बनाकर घर के मुख्य द्धार रखें

रत को घर की स्त्रियां दीपक में तेल डालकर चार बतियाँ जलाए

जल रोली चावल गुड फुल नैवेद्य आदि सहित दीपक जलाकर यम का पूजन करें

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