सामान्य परिस्थिति में राशि-मंत्र का नित्य 108बार जप करने से मानसिक शांति और स्फूर्ति मिलती है। मंत्र की ऊर्जा से कार्यक्षमता का विकास होता है। व्यक्तित्व प्रभावशाली बनता है।
शास्त्रों में प्रत्येक राशि के मंत्र इस प्रकार वर्णित हैं-
मेष: ॐह्रींश्रींलक्ष्मीनारायणायनम:।
वृष: ॐगोपालायउत्तरध्वजायनम:।
मिथुन: ॐक्लींकृष्णायनम:।
कर्क: ॐहिरण्यगर्भायअव्यक्तरूपिणेनम:।
सिंह: ॐक्लींब्रह्मणेजगदाधारायनम:।
कन्या: ॐनमोप्रींपीतांबरायनम:।
तुला: ॐतत्त्वनिरञ्जनायतारकरामायनम:।
वृश्चिक: ॐनारायणायसुरसिंहायनम:।
धनु: ॐश्रींदेवकृष्णायऊर्ध्वदन्तायनम:।
मकर: ॐश्रींवत्सलायनम:।
कुंभ: ॐश्रींउपेन्द्रायअच्युतायनम:।
मीन: ॐक्लींउद्धृतायउद्धारिणेनम:।
तंत्रशास्त्रमें विभिन्न राशियों के बीजमंत्रोंका भी उल्लेख मिलता है
-मेष-ॐ ऐं क्लींसौ:।
वृष- ॐऐं क्लींश्रीं।
मिथुन-ॐ क्लींऐं सौ:।
कर्क-ॐ ह्रींक्लींश्रीं।
सिंह-ॐ ह्रींश्रींसौ:।
कन्या-ॐ क्लींऐं सौ:।
तुला-ॐ ऐं क्लींश्रीं।
वृश्चिक-ॐ ऐं क्लींसौ:।
धनु-ॐ ह्रींक्लींसौ:।
मकर-ॐ ऐं क्लींह्रींश्रींसौ:।
कुंभ-ॐ ह्रींऐं क्लींश्रीं।
मीन-ॐ ह्रींक्लींसौ:।
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