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Saturday 3 September 2011

विभिन्न शिवलिंग



शिव जी की पूजा का जो महात्म्य है। लेकिन इससे भी अधिक महत्व शिवलिंग की पूजा का बताया गया है। शास्त्रों के अनुसार मृत्युलोक में भगवान शिव मानव कल्याण के लिए विभिन्न रूप धारण कर प्रत्येक रूप में मानव कल्याण का कार्य करते हैं। इनकी पूजा सरल व सुगम होने की वजह से सभी स्त्री-पुरुष तन-मन-धन से इस माह में इनकी पूजा करते हैं। पर अगर आपको अपनी पूजा का फल तुरंत चाहिए और आप भगवान की कृपा पाना चाहते हैं, तो विभिन्न अभिलाषाओं के लिए अलग पदार्थों से बने शिवलिंग की पूजा करना श्रेयस्कर माना गया है।


अगर साधक को प्रॉपर्टी की कामना हो, तो उसे फूलों से बने शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए।

अगर साधक चाहता है कि उसका व उसके परिवार का स्वास्थ्य अच्छा रहे, तो उसे जौ, गेहूं, चावल का समान भागों में मिला आटे से शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा करनी चाहिए।

इसी प्रकार अगर साधक की यह कामना है कि वह जहां जाए, वहां लोगों से उसके संबंध मधुर रहें और उसकी बात भी सब माने, तो उसे सोंठ, मिर्च, पीपल का चूर्ण, नमक समभाग में लेकर शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा करने से लाभ होगा।

अगर साधक अपनी सारी अभिलाषाओं की पूर्ति करना चाहता है, तो तिल के शिवलिंग बनाकर पूजा करना ठीक रहेगा।

प्रेम संबंधों में सफलता के लिए गुड़ की डली के शिवलिंग बनाकर पूजा करें, तो लाभ होगा।

वंश वृद्धि के लिए बांस के अंकुर को शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा करने से लाभ होगा।

रजत पत्र के शिवलिंग भी धन-धान्य बढ़ाते हैं

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