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Friday 2 September 2011

हनुमान मंत्र



श्री हनुमान अतुलनीय बल, शक्ति और ऊर्जा के देवता माने गए हैं। इसी कारण वह संकटमोचक भी माने जाते हैं। यही कारण है कि मंगलवार के दिन श्री हनुमान उपासना मानसिक, शारीरिक और आत्मबल पाने के नजरिए से बहुत ही शुभ मानी जाती है। धर्म शास्त्रों में सुख की कामना से हनुमान भक्ति के अनेक मंत्र, स्त्रोत, पाठ बहुत ही प्रभावकारी माने गए हैं। इस कड़ी में एक हनुमान मंत्र जिंदगी में कठिन हालात, बीमारी या शत्रु या विरोधियों के कारण पैदा हुई परेशानियों या चिंताओं और भय को दूर करने वाला बताया गया है। जानते हैं इस मंत्र और सरल हनुमान पूजा की विधि - - हर रोज या मंगलवार, शनिवार के दिन यथासंभव मूंगे यानि कोरल की बनी हनुमान की मूर्ति, न होने पर देवालय या घर में ही सिंदूर चढ़ी हनुमान प्रतिमा की पूजा करें। - पूजा में गंध, अक्षत, लाल फूल, सिंदूर, भोग में चने या गुड़, घी और गेंहू के आटे से बना चूरमा या केले चढ़ाएं। - पूजा के बाद इस चिंतानाशक हनुमान मंत्र का जप करें -

 ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय, पर-यंत्र-मंत्र-तंत्र-त्राटकनाशकाय
सर्व-ज्वरच्छेदकाय, सर्व-व्याधि-निकृन्तकाय।
सर्व-भय-प्रशमनाय, सर्व-दुष्ट-मुख-स्तम्भनाय।
देव-दानव-यक्ष-राक्षस-भूत-प्रेत-पिशाच-डाकिनी-शाकिनी-दुष्टग्रह-बन्धनाय,
 सर्व-कार्य-सिद्धि-प्रदाय रामदूताय स्वाहा।
- धूप व घी का दीपक लगाकर हनुमान आरती करें।-
 अंत में श्री हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ भी कामनापूर्ति के लिए शुभ होता है।
 - श्री हनुमान से पूरी पवित्रता, भक्ति और आस्था के साथ क्षमा प्रार्थना और चिंताहरण के लिए विनती करें।

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