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Tuesday 20 September 2011

शनि ग्रह

शनि ग्रह की पीड़ा के निवारण के लिए शनि से संबंधित जड़ी बूटियों व औषधियों से स्नान करने का विधान है। यह स्नान सप्ताह में एक बार किया जाता है।

औषधियों को अभीष्ट दिन से पूर्व रात्रि में शुद्ध जल में भिगो दें तथा अगले दिन उन्हें छान कर छने हुए द्रव्य को स्नान के जल में मिला कर स्नान करें।

शनि ग्रह के लिए काले तिल, शतपुष्पी, काले उड़द, लौंग, लोधरे के फूल तथा सुगन्धित फूलों को औषधियों के रूप में प्रयोग किया जाता है।

मानसिक व शारीरिक शांति तथा अनिष्ट फल के निवारण के लिए विधिवत्‌ स्नान से बहुत लाभ होता है।

स्नान से पूर्व जल को इस मंत्र से अभिमंत्रित कर लेना चाहिए :क्कँ द्द्वीं शं शनैश्चराय नमः।

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