हस्त लिपि के परीक्षण के कितने उपयोग हो सकते हैं इस बारे में बहुत से अनुसन्धान विभिन्न देशों में चल रहे हैं. किसी व्यक्ति की विश्वसनीयता को परखने में उसकी लिखावट का परीक्षण निश्चय ही बहुत उपयोगी होता है. प्रत्येक आदमी अपनी कमजोरियों और अवगुणों को छिपाता है और गुणों को सामने रखता है. किसी रोजगार के लिए भी आवेदन करने वाले अपने आवेदनों में अपनी योग्यता और क्षमता का बखान करते हैं. और अपनी कमियों को छिपा जाते है. यदि नियोक्ता लिखावट के विश्लेषण का जानकर है तो वह आवेदन पत्रों की लिखावट की जाँच से सही – सही निष्कर्षों पर पहुँच सकता है
. इस सन्दर्भ में निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिए -
स्वास्थ्य – स्वस्थ व्यक्ति की लिखावट का दबाब एक सा रहता है और उसमें लयात्मकता होती है.
कौशल – चतुर और अपने कम में प्रवीण व्यक्ति की लिखावट कभी बड़े आकर की नहीं होती. वह घुंडीदार अक्षरों , मात्राओं और बिन्दिओं में पूरी गोलाई बनाता है
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खुला दिमाग – खुला दिमाग रखने वाला व्यक्ति दूसरों की सोच की कभी उपेक्षा नहीं करता. वह सबकी बातें ध्यान से सुनता है और अपनी गलती सुधारने के लिए हमेशा तैयार रहता है. इस प्रकार के व्यक्ति की लिखावट भी खुली – खुली होती है. अक्षरों, पंक्तियों और शब्दों के बीच समानुपात दूरी बनाये रखना उसकी लिखावट की विशेषता होती है.
भरोसेमंद – यदि लिखावट में अक्षर सामान आकर के बनते हैं और पंक्तियाँ सीधी रहती हैं तो उसे लिखने वाला विश्वासघात नहीं करता.
सहकार भावना – यदि लिखावट में अक्षरों का रूप कोणीय हो और प्रारंभिक अक्षर अधिक बड़े न हो तो आप लिखने वाले में सहकार भावना की मौजूदगी के बारे में निश्चित हो सकते हैं.
संयत स्वभाव - यदि पूरी लिखावट में दबाब एक सा बना रहता है और आधार डंडा और मात्राएँ पूरी -पूरी और समुचित आकार की बनती हैं तो लिखने वाला धीर और संयत प्रकृति का व्यक्ति होता है.
कर्मचारी को हटाने का निर्णय -
यदि आप किसी कंपनी के मालिक हैं तो आपको कभी – कभी कर्मचारी को हटाने का असुखद निर्णय भी लेना पड़ता है. अवांछित कर्मचारियों को हटाने का निर्णय यदि निम्न बातों के आधार पर लिया जाये तो मालिक अपनी ऊर्जा और समय की काफी बचत कर सकता है.
सुस्ती – यदि कोई व्यक्ति धीमी गति से गोल गोल अक्षर अपनी लिखावट में बनाता है तो वह सुस्त और कामचोर होता है.
बेईमान – यदि लिखावट में पंक्तियाँ छोटी – बड़ी बनती हैं और कहीं कम दूरी पर और कहीं अधिक दूरी पर होती हैं. लिखावट में अक्षरों का आकार बदलता रहता है. और पंक्तियाँ लहरदार होती हैं तो लिखने वाले की ईमानदारी पर संदेह किया जा सकता है.
लापरवाह – यदि लिखावट में वाक्य चिन्हों का लापरवाही से प्रयोग किया जाये , अनुस्वार बिन्दुओं को जहाँ जरुरत हो वहां न लगाया जाये, और शब्दों के बीच – बीच में कहीं – कहीं अक्षर भी छूट जाएँ. तो लिखने वाले को लापरवाह स्वभाव का व्यक्ति समझा जा सकता है.
नकारात्मक - लिखावट में शब्दों को भारी दबाब के साथ सीधा खड़ा या पीछे की और झुककर लिखने वाला , अक्षरों के आखिरी सिरे अपेक्षाकृत मोटे बनाने वाला, और सुस्त चाल से लिखने वाला नकारात्मक स्वभाव का व्यक्ति होता है.
प्रमोशन किसे दें ? -
प्रत्येक व्यापार संस्थान में समय – समय पर कर्मचारियों को प्रोन्नत करने की जरुरत पड़ती रहती है. इसे समय यदि प्रबंधक उनकी लिखावट में निम्न बातों पर ध्यान दे तो उपयुक्त को चुनकर प्रोन्नत किया जा सकता है. अधिशाषी योग्यता रखने वाले व्यक्ति की लिखावट में दबाब अधिक और समरूप रहता है. वह या तो सीधी लिखाई करता है अथवा आगे की और झुकाव लिए अक्षर बनता है. हस्ताक्षर बहुत तेज गति से करता है.
बेईमान कैसे पकड़ें ? -
यदि आप व्यापारी हैं और आपको अपने किसी कर्मचारी पर बेईमान या विश्वासघाती होने का संदेह है तो उसकी लिखावट पर नजर डालिए. यदि उस व्यक्ति की लिखावट सामान्य की अपेक्षा अधिक अव्यवस्थित है दबाब कहीं कम और कहीं अधिक है अक्षरों के आकार में परिवर्तन आ रहा है तो आपका शक सही है. उस व्यक्ति में बेईमानी और धोखेबाजी की प्रवृत्ति घर करती जा रही है आप उसे हटाने में जल्दीबाजी न करें बल्कि कुछ दिन और परखें सब बातें सामने आ जाएँगी.
लिखावट से उजागर रहस्यों से लाभ -
यदि आप लिखावट का उपयोग करना जानते हैं तो किस प्रकार उसका उपयोग अपने रोजगार – व्यापर को बड़ाने - चमकाने के लिए कर सकते हैं इसके लिए कुछ सुझाव निम्न प्रकार हैं -
आप किसी भी कंपनी में सेल्स मैन हैं यदि आप संभावित ग्राहक की लिखावट का अध्ययन करके उसकी पसंद – नापसंद को पहले से ही जान लेते हैं तो आपकी बिक्री की संभावना बड़ जाएगी. आप बैंकर हैं तो बेईमान और जालसाज लोगो के झांस में आने से बच सकते हैं. यदि आप न्यायधीश हैं तो आप अभियुक्त की लिखावट से जान सकते हैं की उस पर जो आरोप लगाये जा रहे हैं वो कितने ठोस और सच्चे हैं. गवाह के लिखित बयान से उसकी गवाही की सच्चाई का पता लगा सकते हैं. आप वकील हैं तो मुवक्किल की आदतों और विचारों की जानकारी से लैस हो सकते हैं. यदि आप क्रय अधिकारी हैं तो संभावित विक्रेता की लिखावट से जान सकते हैं की वह अपने माल के बारे में आपसे जो कह रहा है वह कितना सच है कितना झूठ. यदि आप कार्मिक प्रबंधक हैं तो प्रत्याशियों के हस्त लिखित आवेदनों का अध्ययन करके उचित कर्मचारी का चयन कर सकते हैं. घरेलू नौकर रखने से पहले आप उसके स्वभाव , प्रवृत्तियों का पता इस विधि से लगा सकते हैं. राजनीतिज्ञ यदि लिखावट का विश्लेषण जानता है तो उसको वास्तिविक मित्रों को पहचानने में देर नहीं lagati. किसी विद्यालय का प्राचार्य योग्य और उपयुक्त शिक्षकों की नियुक्ति में, शिक्षा विभाग अवांछनीय शिक्षकों को चुन – चुनकर निकालने में और विद्यालय का पंजीयक अनेक सामान योग्यता वाले संभावित छात्रों में से किसी एक सर्वाधिक उपयुक्त छात्र के चयन में लिखावट के विश्लेषण ज्ञान की सहायता ले सकता है. कर्ज देने वाली कोई संस्था ऐसे व्यापारियों को कर्ज देने की समय सीमा तय कर सकती है जिनका हस्तलेख उनमें सट्टेबाजी की प्रवृत्ति को दिखाता है.
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