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Saturday 17 September 2011

वास्तु बिना तोड़ फोड़ के


बिना तोड़-फोड़ के निम्नलिखित उपाय से वास्तुदोष से सरलता पूर्वक छुटकारा पा सकते हैं

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अपनी रूचि के अनुसार सुगन्धित फूलों का गुलदस्ता सदैव अपने सिरहाने की ओर कोने में सजाएँ।
 
- शयन कक्ष में जूठे बर्तन न रखे इससे पत्नी का स्वास्थ्य खराब होता है, धन की कभी अनुभव होने लगती है।
- परिवार का कोई सदस्य मानसिक तनाव से ग्रस्त हो तो काले मृग की चर्म बिछाकर सोने से लाभ होता है। किसी भी सदस्य को बुरे स्वप्न आते हो तो गंगा जल सिरहाने रख कर सोएँ।

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परिवार में कोई रोग ग्रस्त हो तो चांदी के पात्र में शुद्ध केसरयुक्त गंगा जल भरकर सिरहाने रखें।
 
- अगर कोई व्यक्ति मानसिक तनाव से ग्रस्त हो तो कमरे में शुद्ध घी का दीपक जलाकर रखें इसके साथ गुलाब की अगरबत्ती भी जलाएँ।

 
- शयनकक्ष के झाडू न रखें। तेल का कनस्तर, अंगीठी आदि न रखें। व्यर्थ की चिंता बनी रहेगी। यदि कष्ट हो रहा है तो तकिए के नीचे लाल चंदन रख कर सोएँ।



- यदि दुकान में चोरी होती है तो दुकान की चौखट के पास पूजा करके मंगल यंत्र स्थापित करें।
 
- दुकान में मन नहीं लगता तो श्वेत गणपति की मूर्ति विधिवत्‌ पूजा करके मुख्य द्वार के आगे और पीछे स्थापित करना चाहिए। 

 
- यदि दुकान का मुख्य द्वार अशुभ है या दक्षिण पश्चिम या दक्षिण दिशा में है तो 'यमकीलक यंत्र' का पूजन करके स्थापना करें। यदि सरकारी कर्मचारी द्वारा परेशान हैं तो सूर्य यंत्र की विधिवत्‌ पूजा करके दुकान में स्थापना करें।

- सींढ़ियों के नीचे बैठकर महत्वपूर्ण कार्य न करें।

 
- दुकान, फैक्ट्री, कार्यालय आदि स्थानों में वर्ष में एक बार पूजा अवश्य करें।

 
- गुप्त शत्रु परेशान कर रहे हैं तो लाल चाँदी के सर्प बनाकर उनकी आँखों में सुरमा लगाकर पैर के नीचे रख कर सोना चाहिए।

- जबसे आपने मकान लिया है तब से भाग्य साथ नहीं दे रहा है और लगता हैं पुराने मकान में सब कुछ ठीक-ठाक था या अब परेशानियाँ हैं तो घर में पीले रंग के पर्दे लगवाएँ।

 
- सटे भवन में हल्दी के छींटे मारें और गुरु को पीले वस्त्र दान करें।

 
- यदि संतान आज्ञाकारी नहीं है, संतान सुख और संतान का सहयोग प्राप्त हो, इसके लिए सूर्य यंत्र या तांबा वहाँ पर रखें जहाँ भवन का प्रवेश द्वार है। प्राण प्रतिष्ठा करा कर रखें।

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