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Wednesday 14 September 2011

नक्षत्रो का....1......

आइये जाने नक्षत्रो का स्वभाव ,नक्षत्र भोजन ( क्या खाएं-क्या न खाएं ),क्या दान करें,नए वस्त्र धारण का प्रभाव ,क्या कार्य करें....
नक्षत्र संख्‍या में 27 हैं और एक राशि ढाई नक्षत्र से बनती है। नक्षत्र भी जातक का स्वभाव निर्धारित करते हैं।
1. अश्विनी : बौद्धिक प्रगल्भता, संचालन शक्ति, चंचलता व चपलता इस जातक की विशेषता होती है।
इस नक्षत्र में वाहन खरीदना,यात्रा,शुभ हे....
नए वस्त्र धारण से सुख की प्राप्ति और शुभता में वृद्धि होती हे...
इस नक्षत्र में ध्यान रखें- अग्नि, सजावट, श्रंगार, लकड़ी, द्वार, छत ,व्यापार,
दान करें- गुड और बिल्वफल/ बिल्वपत्र ;
इसमें स्वास्थ्य सम्बन्धी कार्य और स्थिरता वाले कार्यो को प्राथमिकता देवे;
नक्षत्र भोजन- आलू,सीताफल, उड़द ,जो, गुड का मालपुआ,.....
इस नक्षत्र में केसर का सेवन लाभकारी होता हे.......
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए-मुली,मोगरी,इलायची,घी,हरे मुंग,कंदमूल,शक्करकंद,
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2. भरणी : स्वार्थी वृत्ति, स्वकेंद्रित होना व स्वतंत्र निर्णय लेने में समर्थ न होना इस नक्षत्र के जातकों में दिखाई देता है।

इस नक्षत्र में कुंवा, तालाब खुदवाना, गणित-ज्योतिष कार्य शुभ हे....
नए वस्त्र धारण से परेशानी में वृद्धि होती हे...
इस नक्षत्र में ध्यान रखें- अग्नि, सजावट, श्रंगार, लकड़ी, द्वार, छत ,व्यापार,
दान करें- नमक का
इसमें स्त्री और मित्र से सम्बंधित कार्यो को प्राथमिकता देवे;
नक्षत्र भोजन- तिल, तिल का तेल, चांवल .....
इस नक्षत्र में इलायची का सेवन लाभकारी होता हे.......
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए - दही, घी,आंवला, केसर,

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3. कृतिका : अति साहस, आक्रामकता, स्वकेंद्रित, व अहंकारी होना इस नक्षत्र के जातकों का स्वभाव है। इन्हें शस्त्र, अग्नि और वाहन से भय होता है।

इस नक्षत्र में कुंवा, तालाब खुदवाना, गणित-ज्योतिष कार्य,वस्त्र सिलवाना, शुभ हे....
नए वस्त्र धारण से उस वस्त्र के फटने या दाग लगने की संभावना होती हे...
इस नक्षत्र में ध्यान रखें- पानी, सजावट, श्रंगार, लकड़ी, द्वार, छत ,व्यापार,
दान करें- नमक का,
इसमें खुदाई, बिज रोपण (धान्य बुवाई ),जमीन,मकान(गृह) कार्यो को प्राथमिकता देवे;
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में लहसुन का सेवन लाभकारी होता हे....... दही, खीर, घी,उड़द,मिश्री,
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए - निम्बू, खीर, चांवल,तिल, हरी सब्जी,

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4. रोहिणी : प्रसन्न भाव, कलाप्रियता, मन की स्वच्छता व उच्च अभिरुचि इस नक्षत्र की विशेषता है।
इस नक्षत्र में राज्याभिषेक,मकान बनवाना,प्रथम व्यापार, शुभ हे....
नए वस्त्र धारण से आर्थिक लाभ की संभावना होती हे...
इस नक्षत्र में ध्यान रखें- पानी, सजावट, श्रंगार, लकड़ी, छत ,अग्नि,
दान करें- तिल का,
इसमें व्यापार और हमेशा स्थिर रहने वाले ( कंट्रोल ) कार्यो को प्राथमिकता देवे;
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में घी, हरे मुंग का सेवन लाभकारी होता हे......सिंघाड़ा,
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए - खीर, आलू, आम, सीताफल,
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5. मृगराशि : बु्द्धिवादी व भोगवादी का समन्वय, तीव्र बुद्धि होने पर भी उसका उपयोग सही स्थान पर न होना इस नक्षत्र की विशेषता है।

इस नक्षत्र में यात्रा, वाहन,वस्त्र और गहने खरीदना,शुभ हे....
नए वस्त्र धारण से वस्त्र फटने की संभावना होती हे...
इस नक्षत्र में ध्यान रखें- पानी, गृह, सजावट, श्रंगार,
दान करें- तिल का,
इसमें हमेशा स्थिर रहने वाले ( कंट्रोल ) और कल्याणकारी कार्यो को प्राथमिकता देवे;
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में इलायची और कस्तूरी का सेवन लाभकारी होता हे......
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए -करेला, कंदमूल, मुंग की दाल ,शकरकंद,निम्बू, सुगन्धित जल,

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6. आर्द्रा : ये जातक गुस्सैल होते हैं। निर्णय लेते समय द्विधा मन:स्थिति होती है, संशयी स्वभाव भी होता है
इस नक्षत्र में मकान बनवाना और राज्याभिषेक शुभ हे....
नए वस्त्र धारण से स्वास्थ्य कमजोर संभावना होती हे...
इस नक्षत्र में ध्यान रखें- व्यापार, पानी, गृह,गृह,
दान करें- तिल का,गुड का
इसमें हमेशा मित्र और स्त्री सम्बन्धी कार्यो को प्राथमिकता देवे;
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में मक्खन और आम का सेवन लाभकारी होता हे......
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए - आंवला,तुरई, सिंघाड़ा, स्वादिष्ट और भरपेट भोजन
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7. पुनर्वसु : आदर्शवादी, सहयोग करने वाले व शांत स्वभाव के व्यक्ति होते हैं। आध्‍यात्म में गहरी रुचि होती है।
इस नक्षत्र में मकान बनवाना,यात्रा, वाहन खरीदना,वस्त्र, सम्रद्धि के कार्य शुभ हे....
नए वस्त्र धारण से धन-धान्य और कार्य में सफलता की संभावना होती हे...
इस नक्षत्र में ध्यान रखें- व्यापार, पानी, गृह,छत ,
दान करें- तिल का,गुड का
इसमें जमीन खरीदना और बिज(धन्य) सम्बन्धी कार्यो को प्राथमिकता देवे;
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में मीठी खीर, घी और कस्तूरी का सेवन लाभकारी होता हे......हरी सब्जी भी,
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए - मोगरी, लहसुन, मुली, करेला
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8. अश्लेषा :  जिद्‍दी व एक हद तक‍ अविचारी भी होते हैं। सहज विश्वास नहीं करते व 'आ बैल मुझे मार' की तर्ज पर स्वयं संकट बुला लेते हैं।
इस नक्षत्र में  गणित,ज्योतिष,खुदाई के कार्य-कुंवा-तालाब-बावड़ी जेसे कार्य शुभ हे....
नए वस्त्र धारण से अचानक बीमारी ( स्वास्थ्य हानी )की संभावना होती हे...
इस नक्षत्र  में ध्यान रखें- व्यापार, पानी, गृह,छत ,सजावट, अग्नि, लकड़ी,श्रंगार, 
 दान करें- नमक और गुड का....
इसमें पूजा,दान,ब्राह्मन,भोजन सम्बन्धी और मित्र सम्बन्धी कार्यो को प्राथमिकता देवे; 

नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में केसर,गुड,कमलगट्टा, शक्कर का सेवन लाभकारी होता हे....कंदमूल-शक्करकंद....,
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए - सीताफल,मिश्री,आम,सुगन्धित जल 

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9. मघा :  स्वाभिमानी, स्वावलंबी, उच्च महत्वाकांक्षी व सहज नेतृत्व के गुण इन जातकों का स्वभाव होता है।
इस नक्षत्र में  गणित,ज्योतिष,खुदाई के कार्य-कुंवा-तालाब-बावड़ी जेसे कार्य शुभ हे....
नए वस्त्र धारण से अचानक बीमारी ( स्वास्थ्य हानी )की संभावना होती हे...
इस नक्षत्र  में ध्यान रखें- व्यापार, पानी, द्वार,गृह,छत ,सजावट, अग्नि, लकड़ी,श्रंगार, 
 दान करें- तिल और गुड का....
इसमें स्त्री और मित्र सम्बन्धी कार्यो को प्राथमिकता देवे; 
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में केसर का सेवन लाभकारी होता हे....मुली, मोगरी,
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए - आलू, कमलगट्टा,सीताफल,खीर,चांवल,तिल
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10. पूर्वा फाल्गुनी  :  श्रद्धालु, कलाप्रिय, रसिक वृत्ति व शौकीन होते हैं। 
इस नक्षत्र में  गणित,ज्योतिष,खुदाई के कार्य-कुंवा-तालाब-बावड़ी जेसे कार्य शुभ हे....
नए वस्त्र धारण से अचानक बीमारी ( स्वास्थ्य हानी )की संभावना होती हे...
इस नक्षत्र  में ध्यान रखें- व्यापार, पानी, द्वार,गृह,छत ,सजावट, अग्नि, लकड़ी,श्रंगार, 
 दान करें- तिल,नमक और गुड का....
इसमें स्थिर( कंट्रोल), कल्याणकारक सम्बन्धी कार्यो को प्राथमिकता देवे;
नक्षत्र भोजन- इस नक्षत्र में आलू,उड़द, इलायची का सेवन लाभकारी होता हे....आंवला
इस नक्षत्र में निम्न वस्तु नहीं खानी चाहिए - सीताफल,आलू,खीर,तिल,खीर..

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