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Wednesday 3 August 2011

ग्रह दोष निवारण के उपाय

- घर की पूर्व दिशा में लगे हुए किसी भी वट वृक्ष की जड़ को शुभ मुहूर्त में निकालकर पास रखने से राहु ग्रह की पीड़ा शांत होती है.
- यदि राहु ग्रह के अशुभ प्रभाव को दूर करना हो तो जल में २ वट पत्र को डालकर उस जल से स्नान करना चाहिए. यह राहु के दुष्प्रभाव को मिटाने का सरल और प्रभावी तरीका है.
- चतुर्दशी के दिन वट वृक्ष की जड़ में दूध चढ़ाने से देव बाधा दूर होती है.
- गिरी के गोले में छेद करके उसमें मेवा और शक्कर भर दें तथा उसे जमीन  में दबा दें. इससे केतु ग्रह का प्रभाव शांत होता है.
- महालक्ष्मी पूजन के समय सीताफल को शामिल करने से दरिद्रता योग का नाश होता है. दीपावली पर इसे पूजन में रखना शुभ होता है.
- चन्द्र ग्रह की पीड़ा शांत करने हेतु चमेली के पुष्प से चन्द्र पूजन करना चाहिए.
- शिवजी को नित्य चमेली का फूल अर्पित करने से भूत बाधा दूर होती है.
- जिस व्यक्ति को नजर लगी हो तो उसके ऊपर लोहे की कील ११ बार उतारकर गूलर वृक्ष के तने में ठोंक दें नजर उतर जाती है. दुकान,व्यापार की नजर उतारने के लिए भी यह प्रयोग किया जा सकता है.
- किसी भी प्रकार के प्रमेह को दूर करने के लिए गूलर की लकड़ी का शहद और गन्ने के रस के साथ हवन करना चाहिए. इससे डायबिटीज़ का शमन होता है.
- मेष राशि के सूर्य के समय एक मसूर तथा दो नीम की पत्तियों को खाने से एक साल तक सर्प भय नहीं रहता.
- अनिंद्रा की स्थिति में मेहँदी के फूल सिरहाने रखने चाहिए. नींद आती है.
- बांस जलाकर तापने से बीमारी होती है.
- बिल्ब, देवदारु और प्रियंगु की जड़ों को एक साथ कूटकर चूर्ण बना लें. इस चूर्ण की धूनी देने से भूत प्रेत भाग जाते हैं.
- बांस को घर में जलाने से अशांति आती है.
- भविष्य पुराण के अनुसार जो व्यक्ति पलाश का पुष्प शिवजी पर अर्पित करता है उसे भूत बाधा और पितर दोष नहीं सताते हैं.
- बबूल की जड़ में शनिवार को काले तिल चढ़ाने से राहु की पीड़ा शांत होती है. लगातार २१ शनिवार करें.
- व्याधियों के शमन के लिए पलाश के पत्तों की पत्तल में कुछ दिन निरंतर भोजन करना चाहिए.
- अंडी का बीज फैक्ट्री में होने से श्रमिक प्रशासनिक बाधाएँ आती हैं. घर में अंडी का पेड़ अति अशुभ होता है.
- सत्यानाशी की जड़ पास रखने से राहु पीड़ा शांत होती है.
- भरणी नक्षत्र में निकाली गई ग्वारपाठे की जड़ को अपने पास रखने से अस्त्र शस्त्र का भय नहीं रहता.
- हरसिंगार के पुष्प प्रत्येक पूर्णिमा को बाबड़ी में डालने से चन्द्र पीड़ा दूर होती है.
- नवमी तिथि के दिन आंवले के वृक्ष का पूजन करने से सौभाग्य में वृद्वि होती है. वैधव्य का नाश होता है.
- ३ गुलाब, ३ बेला के पुष्प बाबड़ी में डालने से रुका हुआ कार्य बनता है.
चमत्कारिक उपाय
- वाहन को नजर दोष से बचाने के लिए ४ पीले नींबू चारों पहियों से कुचल कर आगे बढे,वाहन दुर्घटना ग्रस्त नहीं होगा.
- अगर आप क्रोधी होते जा रहे हैं तो भोजन के बाद मीठा अवश्य खाएं.
- पीपल वृक्ष को काटने से संतान हानि होती है.
- पीपल वृक्ष पर दिन में देवताओं, रात्रि में असुरों, ब्रह्ममुहूर्त में धर्मराज, संध्याकाल में शनिदेव का वास होता है. इसलिए आधी रात के समय पीपल के नीचे जाने से मना किया जाता है.
- छठ पूजा एकमात्र पर्व है जिसमें सूर्य उदय के साथ डूबते सूर्य को अर्घ्य  दिया जाता है.इस व्रत को करने से सम्पूर्ण सुख मिलते हैं. पति एवं पुत्र दीर्घायु होते हैं.
- षष्टी, प्रतिपदा और अमावस को दातुन नहीं करना चाहिए.
- षष्टी को तेल लगाना निषिद्व है.
- अष्टमी को मांस खाना निषिद्व है.
- चतुर्दशी को बाल कटवाना, दाढ़ी बनवाना निषिद्व है.
- अमावस को कामक्रीड़ा न करें.
- ज्योतिष वारिधि के अनुसार ग्रह की अंगूठी निम्न धातुओं में बनवानी चाहिए.
सूर्य – तांबा, स्वर्ण, प्लेटिनम.
चन्द्र – चाँदी.
मंगल – रक्तवर्ण तांबा.
बुध – पीतल.
गुरु – स्वर्ण.
शुक्र – कांसा.
शनि – लोहा.
राहु – टिन.
केतु – सीसा.

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