शिवलिंग के प्रकार व लाभ
- '' गन्धलिंग `` दो भाग कस्तुरी, चार भाग चन्दन और तीन भाग कुंकम से बनाए जाते हैं शिव-सायुज्यार्थ इसकी अर्चना की जाती है।
- शर्करामयलिंग - सुखप्रद है।
- सोंढ, मिर्च पीपल के चूर्ण में नमक मिलाकर जो शिवलिंग बनाया जाता है। उसका प्रयोग व वशीकरण आदि अभिचार में किया जाता है।
- यज्ञकुण्ड से ली गई भस्म से जो शिवलिंग बनता है उसका पूजन अभीष्ट देने वाला होता है।
- बाँस के अंकुर को शिवलिंग के समान काटकर पूजा करने से पंथ वृद्धि होती है।
- दही को कपडे में बांधकर निचोड़ देने के पश्चात उससे जो शिवलिंग बनता है उसका पूजन लक्ष्मी और सुख देने वाला होता है।
- गुड़ में अन्न चिपकाकर शिवलिंग बनाकर पूजा करने से कृषि उत्पादन अधिक होता है।
- किसी भी फल को शिवलिंग के समान रखकर उसकी पूजा करने से फलवाटिका में अधिक फल होता हैं।
- दुर्वा को शिवलिंगाकार गूंथकर उसकी पूजा करने से अकाल-मृत्यु का भय दूर होता है।
- मोती के बने शिवलिंग का पूजन स्त्री की भाग्य वृद्धि करता है।
- स्वर्ण निर्मित शिवलिंग समृद्धि का वर्द्धन करता है।
- चांदी का शिवलिंग धन-धान्य बढ़ाता है।
- पीपल का शिवलिंग दरिद्रता का निवारण करता है।
- लहसुनिया का शिवलिंग शत्रुओं का नाशक होता है, विजयदाता है।
No comments:
Post a Comment