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Saturday 6 August 2011

यश और धन

यश और धन



हिन्दू धर्म शास्त्रों में बृहस्पति को देवगुरु बताया गया है। ज्योतिष शास्त्रों में भी गुरु को शुभ ग्रह माना गया है। गुरु के शुभ प्रभाव से बुद्धि, ज्ञान के द्वारा मान-सम्मान, धन और सुख-शांति प्राप्ति होती है। धर्म, अध्यात्म में रूचि होने के साथ व्यक्तित्व प्रभावशाली बनता है। वहीं अशुभ प्रभाव मानसिक दोष व तनाव के साथ आर्थिक संकट भी पैदा कर सकता है। यही कारण है कि शास्त्रों में गुरुवार को गुरु की उपासना में इन 3 गुरु मंत्रों के विशेष जप बहुत ही असरदार माने गए हैं। जिनके प्रभाव से बुद्धि, यश, सम्मान मिलने के साथ ही आर्थिक परेशानियों का भी अंत होता है। गुरु दोषों का भी शमन होता है। शास्त्रों के मुताबिक इन गुरु मंत्रो की जप संख्या 19000 होनी चाहिए। किंतु अगर इतना कर पाना संभव न भी हो तो यथाशक्ति इन मंत्रों का जप सुबह और शाम किया जा सकता है। किंतु शाम का वक्त श्रेष्ठ माना गया है। 

बीज मंत्र - ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:। 

सामान्य मंत्र - ॐ बृं बृहस्पतये नम: 

पौराणिक मंत्र - देवाना च ऋषिणां च गुरुं कांचसंनिभम्। बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।।

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