ग्रहदोष शांति या अनुकूलता के लिए भ्रम और परेशानी को दूर करने के लिये यहां बताया जा रहा है शास्त्रों का ऐसा मंत्र जिसमें नवग्रहों का स्मरण एक ही बार में संभव होता है। अगर कोई इंसान ग्रहों की अनूकुलता से जीवन में सुख-शांति की चाहत रखता है तो यहां बताए नवग्रह मंत्र का जप प्रतिदिन करें-
- प्रात: स्नान कर नवग्रह मंदिर या घर के देवालय में नवग्रहों को विशेष पूजा सामग्री न भी अर्पित कर पाएं तो मात्र गंध, अक्षत, फूल व नैवेद्य चढ़ाकर नीचे लिखे नवग्रह मंत्र का स्मरण कर धूप, दीप से नवग्रहों की आरती करे -
ॐ ब्रह्मामुरारिस्त्रिपुरान्तकारी, भानु: शशी भूमिसुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्र: शनि राहु केतव:, सर्वे ग्रहा शान्तिकरा भवन्तु।।
- आरती की पवित्र जोत की ऊर्जा दोनों हथेलियों से ग्रहण कर सिर से पैरों तक फेरें।
ऐसा करना नवग्रहों की प्रसन्नता और शुभ प्रभाव के लिए शुभ माना गया है।
No comments:
Post a Comment