आजमाए हुए उपाय-----
निम्न उपाय करने से तुरंत अनुकूल फल प्राप्त होता है, ये उपाय आजमाए हुए है. कोई भी उपाय कम से कम 40 दिन और अधिक-से-अधिक 43 दिन तक करें अगर ये उपाय रोज न हो सके तो प्रत्यक आठवें दिन अवश्य करना चाहिए. उपाय पूर्ण होने से पहले यदि कोई व्यवधान या विघ्न आ जाए तो नए सिरे से पुन: करे. अगर अपरिहार्य कारणो से उपायों का क्रम टूट जाए तो चावल दुध में और केसर पान में रखे. इससे पू्र्व समय में किए गए उपाय व्यर्थ नहीं जाते. उपाय किसी भी दिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही करने चाहिए. ग्रहों के अनुसार ये उपाय निम्न है
-सूर्य - बहते पानी में गुड़ प्रवाहित करे
.चन्द्र - दूध या पानी से भरा बर्तन रात को सिरहाने रखें. सुबह उस दुध या पानी से बबुल के पेड़ की जड़ सींचे.
मंगल -
मंगल शुभ हो तो मिठाई या मीठा भोजन दान करे. बतासे बहते पानी में प्रवाहित करे. मंगल अशुभ हो तो बहते पानी में तिल और गुड़ से बनी रेवाडि़यां प्रवाहित करे.
बुध - तांबे के पत्तर मे़ छेद करके उसे बहते पानी में प्रवाहित करें.
बृ्हस्पति - केसर का सेवन करें. उसे नाभि या जीभ पर लगाएं.
शुक्र - गो - दान करें. ज्वारा या चने का चारा दान करे
.शनि - किसी बर्तन में तेल लेकर उसमे अपना प्रतिबिम्ब देखें और बर्तन तेल के साथ दान करे. बर्तन कांसे का हो तो शीघ्र फलदायी होता है
.राहु - मूली की तरकारी का दान करें. मूली के पत्ते निकाल लें
.केतु -कुत्ते को मीठा रोटी खिलाएं.
निम्न उपाय करने से तुरंत अनुकूल फल प्राप्त होता है, ये उपाय आजमाए हुए है. कोई भी उपाय कम से कम 40 दिन और अधिक-से-अधिक 43 दिन तक करें अगर ये उपाय रोज न हो सके तो प्रत्यक आठवें दिन अवश्य करना चाहिए. उपाय पूर्ण होने से पहले यदि कोई व्यवधान या विघ्न आ जाए तो नए सिरे से पुन: करे. अगर अपरिहार्य कारणो से उपायों का क्रम टूट जाए तो चावल दुध में और केसर पान में रखे. इससे पू्र्व समय में किए गए उपाय व्यर्थ नहीं जाते. उपाय किसी भी दिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही करने चाहिए. ग्रहों के अनुसार ये उपाय निम्न है
-सूर्य - बहते पानी में गुड़ प्रवाहित करे
.चन्द्र - दूध या पानी से भरा बर्तन रात को सिरहाने रखें. सुबह उस दुध या पानी से बबुल के पेड़ की जड़ सींचे.
मंगल -
मंगल शुभ हो तो मिठाई या मीठा भोजन दान करे. बतासे बहते पानी में प्रवाहित करे. मंगल अशुभ हो तो बहते पानी में तिल और गुड़ से बनी रेवाडि़यां प्रवाहित करे.
बुध - तांबे के पत्तर मे़ छेद करके उसे बहते पानी में प्रवाहित करें.
बृ्हस्पति - केसर का सेवन करें. उसे नाभि या जीभ पर लगाएं.
शुक्र - गो - दान करें. ज्वारा या चने का चारा दान करे
.शनि - किसी बर्तन में तेल लेकर उसमे अपना प्रतिबिम्ब देखें और बर्तन तेल के साथ दान करे. बर्तन कांसे का हो तो शीघ्र फलदायी होता है
.राहु - मूली की तरकारी का दान करें. मूली के पत्ते निकाल लें
.केतु -कुत्ते को मीठा रोटी खिलाएं.
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