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Saturday 9 July 2011

हनुमान की शनिवार को पूजा


हनुमान की शनिवार को उपासना भी संकटहरण करने वाली मानी गई है। विशेष रूप से पारे से बनी हनुमान की मूर्ति की पूजा व उसके सामने हनुमान मंत्र जप सुख-शांति के साथ आर्थिक समृद्धि देने वाला माना गया है। क्योंकि पारा धातु भी शिव का अंश माना गया है। इसलिए पारे से बनी शिव परिवार और अवतारों की मूर्ति पूजा वैभव, समृद्धि और ऐश्वर्य देने वाली मानी गई है। हनुमान मंत्र और पूजा की सरल विधि -
शनिवार, मंगलवार या पूर्णिमा को श्री हनुमान की पारद से बनी मूर्ति की पूजा तन और मन से संयम और पवित्रता के साथ करें। स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहन एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर श्री हनुमान की पारद मूर्ति को विराजित करें। श्री हनुमान की पूजा में लाल पूजा सामग्रियों का ध्यान रखें। श्री हनुमान का स्मरण करते हुए सिंदूर के अलावा लाल चंदन, लाल गंध, लाल अक्षत, लाल फूल, लाल वस्त्र, जनेऊ, भोग में लाल रंग के फल या लाल अन्न और पदार्थों जैसे अनार, गेहूं और गुड़ से बना भोग अर्पित करें। पूजा के बाद नीचे लिखे सरल मंत्रों का लाल आसन पर बैठकर कम से कम 108 बार समृद्धि की कामना से स्मरण करें -
ॐ श्रीमते नम:
ॐ सर्वविद्या सर्वसम्पत्तिप्रदायकाय नम:
ॐ सर्वदु:खहराय नम:
मंत्र जप और पूजा के बाद श्री हनुमान की सुगंधित धूप, गुग्गल, कपूर्र, गाय के घी के दीप से आरती करें। अंत में क्षमाप्रार्थना कर शुद्ध कर्म, विचार के संकल्प के साथ धन लाभ व बेहतर आमदनी की कामना करें।

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