ग्रहों से सम्बंधित रोग उनके उपशमन के लिए धारण करने योग्य रत्न , उपरत्न , जड़ी बूटिया , दान आदि का वर्णन निम्न प्रकार है |
सूर्य गृह से सम्बंधित :-
रोग : सिरदर्द , ज्वर , नैत्रविकार , मधुमेय , पित्त रोग , हैजा , हिचकी आदि |
रत्न उपरत्न : माणिक्य , लालड़ी , तामडा , महसूरी |
जड़ी बूटिया : बेलपत्र की जड़
दान : गेंहू , लाल और पीले मिले हुए रंग के वस्त्र , लाल फल लाल मिठाई , सोने के कण , गाय, गुड और तांबा
चन्द्रमा से सम्बंधित :-
रोग : तिल्ली , पांडू , यकृत , कफ , उदार सम्बन्धी विकार , मनोविकार
रत्न उपरत्न : मोती , निमरू , चंद्रमणि , सफ़ेद पुखराज , ओपल
जड़ी बूटिया :खिन्नी की जड़
दान : चावल , श्वेत वस्त्र , कपूर , चांदी , शुद्ध , सफ़ेद चन्दन , वंश फल , श्वेत पुष्प , चीनी , वृषभ , दधि , मोती आदि |
मंगल से सम्बंधित :-
रोग : पित्त , वायु , कर्ण रोग , गुणगा , विशुचिका , खुजली , रक्त सम्बन्धी बीमारिया , प्रदर , राज , अंडकोष रोग , बवासीर आदि |
रत्न - उपरत्न : मूंगा , विद्रुम
जड़ी बूटिया : अनंत मूल की जड़
दान : लाल मक्का , लाल मसूर , लाल वस्त्र , लाल फल , लाल पुष्प
बुध से सम्बंधित :-
रोग : खांसी , ह्रदय रोग , वातरोग , कोढ़ , मन्दाग्नि , श्वास रोग , दम , गूंगापन
रत्न उपरत्न : पन्ना , संग पन्ना , मरगज तथा ओनिक्स
जड़ी बूटिया : विधारा की जड़
दान : हरी मुंग , हरे वस्त्र , हरे फल , हरी मिठाई , कांसा पीतल , हाथी दांत , स्वर्ण कपूर , शस्त्र , षटरस भोजन , घृत आदि
वृहस्पति से सम्बंधित :-
रोग : कुष्ठ रोग , फोड़ा , गुल्म रोग , प्लीहा , गुप्त स्थानों के रोग
जड़ी बूटिया : नारंगी या केले की जड़
दान : चने की दल , पीले वस्त्र , सोना , हल्दी , घी , पीले वस्त्र , अश्व , पुस्तक , मधु , लवण , शर्करा , भूमि छत्र आदि
शुक्र से सम्बंधित :-
रोग : प्रमेह , मंद बुद्धि , वीर्य विकार , नपुंसकता , वीर्य का इन्द्रिय सम्बन्धी रोग
रत्न उपरत्न : हिरा, करगी , सिग्मा
जड़ी बूटिया : सरपोखा की जड़
दान : चावल , चांदी , घी , सफ़ेद वस्त्र , चन्दन , दही , गंध द्रव्य , चीनी , गाय , जरकन , सफ़ेद पुष्प आदि
शनि से सम्बंधित :-
रोग : उन्माद , वाट रोग , भगंदर , गठिया , स्नायु रोग , टीबी , केंसर , अल्सर
रत्न उपरत्न : नीलम , नीलिमा , जमुनिया , नीला कटहल
जड़ी बूटिया : बिच्छु बूटी की जड़ या शमी की जड़
दान : काले चने , काले कपडे , जामुन फल , कला उड़द , काली गाय , गोमेद , काले जूते , तिल , उड़द , भैस , लोहा , तेल , उड़द , कुलथी , काले पुष्प , कस्तूरी सुवर्ण
राहू से सम्बंधित :-
रोग : अनिंद्रा , उदर रोग , मस्तिष्क रोग, पागलपन
जड़ी बूटिया : सफ़ेद चन्दन
रत्न उपरत्न : गोमेद , तुरसा , साफा
दान : अभ्रक , लौह , तिल , नीला वस्त्र , छाग , ताम्रपत्र , सप्त धान्य , उड़द , कम्बल , जोऊ , तलवार
केतु से सम्बंधित :-
रोग : चर्म रोग , मस्तिष्क तथा उदर सम्बन्धी रोग , जटिल रोग , अतिसार , दुर्घटना , शल्य क्रिया आदि
रत्न उपरत्न : वैदूर्य , लहसुनिया , गोदंती संगी
जड़ी बूटिया : असगंध की जड़
दान : कस्तूरी तिल , छाग , कला वस्त्र , ध्वज , सप्त धान्य , उड़द , कम्बल |
यदि औसधि से रोग तो ग्रह का प्रकोप अर्थात ग्रह की महादशा , अन्तर्दशा लगी हुई समझनी चाहिए | मंत्र जाप , रत्न ,एवं जड़ी बूटिया धारण करनी चाहिए | इससे रोग हल्का होगा और ठीक होने लगेगा | रत्न उपरत्न सम्बंधित ग्रह के वार व् नक्षत्र में धारण करने चाहिए | दान संकल्प करके ब्रह्मण या जरूरतमंद को श्रद्धापूर्वक देना चाहिए |
सूर्य गृह से सम्बंधित :-
रोग : सिरदर्द , ज्वर , नैत्रविकार , मधुमेय , पित्त रोग , हैजा , हिचकी आदि |
रत्न उपरत्न : माणिक्य , लालड़ी , तामडा , महसूरी |
जड़ी बूटिया : बेलपत्र की जड़
दान : गेंहू , लाल और पीले मिले हुए रंग के वस्त्र , लाल फल लाल मिठाई , सोने के कण , गाय, गुड और तांबा
चन्द्रमा से सम्बंधित :-
रोग : तिल्ली , पांडू , यकृत , कफ , उदार सम्बन्धी विकार , मनोविकार
रत्न उपरत्न : मोती , निमरू , चंद्रमणि , सफ़ेद पुखराज , ओपल
जड़ी बूटिया :खिन्नी की जड़
दान : चावल , श्वेत वस्त्र , कपूर , चांदी , शुद्ध , सफ़ेद चन्दन , वंश फल , श्वेत पुष्प , चीनी , वृषभ , दधि , मोती आदि |
मंगल से सम्बंधित :-
रोग : पित्त , वायु , कर्ण रोग , गुणगा , विशुचिका , खुजली , रक्त सम्बन्धी बीमारिया , प्रदर , राज , अंडकोष रोग , बवासीर आदि |
रत्न - उपरत्न : मूंगा , विद्रुम
जड़ी बूटिया : अनंत मूल की जड़
दान : लाल मक्का , लाल मसूर , लाल वस्त्र , लाल फल , लाल पुष्प
बुध से सम्बंधित :-
रोग : खांसी , ह्रदय रोग , वातरोग , कोढ़ , मन्दाग्नि , श्वास रोग , दम , गूंगापन
रत्न उपरत्न : पन्ना , संग पन्ना , मरगज तथा ओनिक्स
जड़ी बूटिया : विधारा की जड़
दान : हरी मुंग , हरे वस्त्र , हरे फल , हरी मिठाई , कांसा पीतल , हाथी दांत , स्वर्ण कपूर , शस्त्र , षटरस भोजन , घृत आदि
वृहस्पति से सम्बंधित :-
रोग : कुष्ठ रोग , फोड़ा , गुल्म रोग , प्लीहा , गुप्त स्थानों के रोग
जड़ी बूटिया : नारंगी या केले की जड़
दान : चने की दल , पीले वस्त्र , सोना , हल्दी , घी , पीले वस्त्र , अश्व , पुस्तक , मधु , लवण , शर्करा , भूमि छत्र आदि
शुक्र से सम्बंधित :-
रोग : प्रमेह , मंद बुद्धि , वीर्य विकार , नपुंसकता , वीर्य का इन्द्रिय सम्बन्धी रोग
रत्न उपरत्न : हिरा, करगी , सिग्मा
जड़ी बूटिया : सरपोखा की जड़
दान : चावल , चांदी , घी , सफ़ेद वस्त्र , चन्दन , दही , गंध द्रव्य , चीनी , गाय , जरकन , सफ़ेद पुष्प आदि
शनि से सम्बंधित :-
रोग : उन्माद , वाट रोग , भगंदर , गठिया , स्नायु रोग , टीबी , केंसर , अल्सर
रत्न उपरत्न : नीलम , नीलिमा , जमुनिया , नीला कटहल
जड़ी बूटिया : बिच्छु बूटी की जड़ या शमी की जड़
दान : काले चने , काले कपडे , जामुन फल , कला उड़द , काली गाय , गोमेद , काले जूते , तिल , उड़द , भैस , लोहा , तेल , उड़द , कुलथी , काले पुष्प , कस्तूरी सुवर्ण
राहू से सम्बंधित :-
रोग : अनिंद्रा , उदर रोग , मस्तिष्क रोग, पागलपन
जड़ी बूटिया : सफ़ेद चन्दन
रत्न उपरत्न : गोमेद , तुरसा , साफा
दान : अभ्रक , लौह , तिल , नीला वस्त्र , छाग , ताम्रपत्र , सप्त धान्य , उड़द , कम्बल , जोऊ , तलवार
केतु से सम्बंधित :-
रोग : चर्म रोग , मस्तिष्क तथा उदर सम्बन्धी रोग , जटिल रोग , अतिसार , दुर्घटना , शल्य क्रिया आदि
रत्न उपरत्न : वैदूर्य , लहसुनिया , गोदंती संगी
जड़ी बूटिया : असगंध की जड़
दान : कस्तूरी तिल , छाग , कला वस्त्र , ध्वज , सप्त धान्य , उड़द , कम्बल |
यदि औसधि से रोग तो ग्रह का प्रकोप अर्थात ग्रह की महादशा , अन्तर्दशा लगी हुई समझनी चाहिए | मंत्र जाप , रत्न ,एवं जड़ी बूटिया धारण करनी चाहिए | इससे रोग हल्का होगा और ठीक होने लगेगा | रत्न उपरत्न सम्बंधित ग्रह के वार व् नक्षत्र में धारण करने चाहिए | दान संकल्प करके ब्रह्मण या जरूरतमंद को श्रद्धापूर्वक देना चाहिए |
Nice Post!!!
ReplyDeleteThanks for sharing
Pooja Haar Mala
Nice Information...
ReplyDeleteThanks for sharing!!!
karwa chauth chalni
karwa chauth kalash
karwa chauth thali set with pooja book
Nice post!! thanks for sharing....
ReplyDeleteIt gives very good information about Importance of Indian festival.
karwa chauth lota
karwa chauth kit
karwa chauth diya