Search This Blog

Thursday 7 July 2011

इन्हे भी आजमाए


प्रकृति की अपनी बोली होती है/परन्तु हम समझते नही /उस भाषा समझने के लिए हमारे आस पास घटित होने वाली बातो पर नजर रखनी होती है /जैसे -
किसी जरूरी काम से जाते हुए सुंदर सौभाग्य वती स्त्री या गाय मिले तो जरूरी काम बन जाता है /
यात्रा या जरूरी काम से जाते हुए भंगी मिले तो फायदा जरूर मिलता है ख़ास कर धन से जुरे काम में /
किसी काम से जाते हुए विधवा स्त्री देखे तो काम जरूर बनता है /
घर में कबूतर या चिरिया अंडे दे तो घर में सुख शान्ति आती है /या दूकान पर अंडा दे तो दूकान में काम खूब फलता है /
यदि कपड़ो से पैसे आदि गिरे परन्तु गायब नही हो तो धन बढ़ता है /
दही या गुर लेजाता कोई राह में मिले तो काम मंगल हो गा ,धन का लाभ होगा /
सुबह के समय दूध उफान जाए तो घर में सुख शान्ति बढे गी एसा जाने /
घर में नाग निकलते हो तो गुप्त धन की प्राप्ति हो एसा जाने /
बड़े बूढे जो लम्बी उमर पा कर मरे हो के कपड़े खुद पहनने से उमर बढती है एसा सत्य जाने /
बिल्ली दाए से बाए रास्ता काटे तो ख़राब और बाए से दाए काटे तो फायदा हो ता है /
आकास से तारा टूटे देखे तो मजबूरी का समय आया समझे /
रात में कुत्ता रोये तो एक महीने में मुहल्ले में जरूर कोई मौत होती है /
सुबह सबेरे द्वार पर भिखारी भीख लेने आ जाए तो कर्ज में दी हुए रकम वापस मिलती है /
शादी के लिए बाहर जाते समय राह में दो से ज्यादा लड़किया मिले तो रिश्ता हूवा समझे /
प्रसूति को जाते हुवे राह में सांड मिले तो बेटा हो गा /
यह सभी प्रयोग अनुभूत है आप भी लाभ उढावे

No comments:

Post a Comment