प्रयोग-1
कुंडली का चतुर्थ भाव यानि चौथा घर माता, स्वयं का मकान, पारिवारिक स्थिति, भूमि, वाहन सुख, पैतृक संपत्ति, मातृभूमि, जनता से संबंधित कार्य, कुर्सी, कुआँ, दूध, तालाब, गुप्त कोष, उदर, छाती आदि का आकलन किया जाता है। राष्ट्रीय ज्योतिष हेतु शिक्षण संस्थाएं, कॉलेज, स्कूल, कृषि, जमीन, सर्वसाधारण की प्रसन्नता एवं जनता से संबंधित कार्य एवं स्थानीय राजनीति, जनता के बीच पहचान आदि देखा जाता है।
उपाय:-ॐ गजकरणाय नम: का 108 बार नित्य 45 दिन जाप करना और वा हवन करना गरीब को भरपेट भोजन करना लाभ देगा।
प्रयोग-2
शत्रु के सामने जाने के लिये
“कर सारंग साजि कटि भाथा। अरिदल दलन चले रघुनाथा॥”
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