आईबीएन-7
क्या विवाह होने में समस्या आ रही है?क्या शुभ काम में हमेशा विघ्न आते हैं? ऐसा आपके के साथ बार-बार होता है...हो सकता है आपका ईशान कोण दूषित हो। आज आपका घर आपका वास्तु में जानिए ईशान कोण के वास्तु उपाय।
-यदि यहां शौचालय, स्टोर आदि बना है तो अपने गुरु की सेवा करना, ब्रह्मण बटुक अर्थात विद्यार्थी को अध्यन सामग्री उपलब्ध करना, साधू-संतो को अन्न -वस्त्र देना, माता-पिता की सेवा करना, अलग अलग माध्यम से बृहस्पति देव की पूजा, आराधना जैसे मंत्र जाप, दान आदि तथा प्राण प्रतिष्ठित बृहस्पति यन्त्र की नियमित पूजा आराधना लाभ देती है।
-यदि ईशान कोण में जलस्थान न हो या किसी भी प्रकार का दोष हो, तो पीतल के एक पात्र में जल भरकर उसमे हल्दी चूर्ण दाल कर कुछ दाने केसर व तुलसीदल डाले, पञ्च धातु जिसे पञ्च रत्नी भी कहते है वह डाल कर ईशान कोण में रखे और शुभ फल की प्राप्ति हेतु इस जल को नित्य प्रति बदलते रहें।
-यहां तुलसी का एक पौधा रख कर उसमे नित्य जल देना, देसी घी का दीपक जलाकर आरती करना, शिव परिवार व विष्णु आराधना करना इस स्थान को दोषमुक्त कर शीघ्र ही जागृत कर देता है और परिवार को शुभ फल प्राप्त होता है। -अगर ईशान क्षेत्र की उत्तरी या पूर्वी दीवार कटी हो, तो उस कटे हुए भाग पर एक वृहद शीशा लगाएं। इससे भवन का ईशान क्षेत्र प्रतीकात्मक रूप से बढ़ जाता है। वही ईशान कोण का प्राकृर्तिक रूप से बढ़ना शुभ है। जो और किसी उपदिशा दिशा के साथ नहीं है।
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