We cannot change the circumstances in which our soul chose to be born, but we can definitely change the circumstances in which we grow.ASTROLOGY, VASTU SASTRA, AURA, AROMA. SHIVYOG,ARTOF LIVING, ISHAYOG,OSHO AND NEWAGE MEDITATION अध्यात्म, ज्योतिष, यन्त्र-मन्त्र-तन्त्र, वेद, पुराण, इतिहास, गुढ़-रहस्य समस्त समस्या का निराकरण सम्भव नहीं है, मात्र कुछेक समस्या का ही समाधान सम्भव है। Accurate Horoscope Analysis and Remedies for All Problems
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Friday 15 July 2011
नवग्रह अनुकंपा के उपाय
ग्रहों की शांति का सर्वोत्तम उपाय क्या हो?
इस विषय में ज्योतिष में अनेक सिद्धांत प्रचलित हैं। मंत्र-तंत्र-यंत्र, टोटके, दान-पुण्य, रंग और अनेक प्रकार के कर्मकांडों के माध्यम से ग्रह शांति की जाती है। प्राय: सभी की कुंडली मे कहीं न कहीं अनिष्ट ग्रह विराजते ही हैं। आहार और सुगंध के माध्यम से ग्रह शांति की जा सकती है। ग्रहों की प्रकृति के अनुसार आहार और सुगंध का इस्तेमाल किया जाए, तो ग्रहों के प्रकोप में न्यूनता लाई जा सकती है। आहार और सुगंध द्वारा ग्रह शांति इस प्रकार हैं-
सूर्य: सूर्य की अनुकूलता प्राप्त करने के लिए जातक को अपने आहार में गेहूं, आम, गुड़ आदि का उपयोग करना चाहिए। केसर तथा गुलाब का इत्र या सुगंध का उपयोग करने से सूर्य प्रसन्न होते हैं।
चंद्र: चंद्रमा मन का कारक है। मन की प्रसन्नता जीवन को सुखी व स्वस्थ बना देती है। चंद्रमा की अनुकूलता के लिए गन्ना, शक्कर, दूध और दूध से बने पदार्थ, नमक, आइसक्रीम और मिठाइयों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। इसके अतिरिक्त चमेली और रातरानी का इत्र या सुगंध चंद्रमा की पीड़ा को कम करते हैं।
मंगल: मंगल की पीड़ा को कम करने के लिए जातक को अपने आहार में गुड़, मसूर की दाल, अनार, चाय, कॉफी, जौ और शहद का उपयोग करना चाहिए। लाल चंदन का इत्र, तेल अथवा सुगंध मंगल को प्रसन्न करते हैं।
बुध: बुध को इलायची सर्वाधिक प्रिय है। इलायची तथा चंपा की सुगंध बुध को प्रिय होती है। मटर, ज्वार, कुलपी, हरी दालें, मूंग, हरी सब्जियां आहार में लेनी चाहिए। चंपा का इत्र तथा तेल का प्रयोग बुध की दृष्टि से उत्तम है।
गुरू: बृहस्पति की कृपा प्राप्ति के लिए चना, चना दाल, बेसन, मक्का, केला, हल्दी, सैंधा नमक, पीले दालें और फलों को सम्मिलित करना चाहिए। पीले फूलों की सुगंध, केसर और केवड़े का इत्र गुरू की कृपा प्राप्ति के लिए उत्तम है।
शुक्र: शुक्र की कृपा प्राप्ति के लिए त्रिफला, दाल चीनी, कमलगट्टा, मिश्री, मूली और सफेद शलजम का प्रयोग करना चाहिए। सफेद फूल, चंदन और कपूर की सुगंध लाभकारी होती है। चंपा, चमेली और गुलाब की तीक्ष्ण खुशबू से शुक्र नाराज हो जाते हैं। हल्की खुशबू के परफ्यूम ही काम में लेने चाहिए।
शनि: शनि की कृपा प्राप्त करने के लिए तिल, उड़द, कालीमिर्च, मूंगफली का तेल, आचार, लौंग, तेजपत्ता तथा काले नमक का उपयोग करना चाहिए। कस्तुरी, लोबान तथा सौंफ की सुगंध शनि देव को पसंद है।
राहु और केतु: राहु और केतु की पीड़ा से बचने के लिए उड़द, तिल और सरसों का प्रयोग लाभदायक रहता है। काली गाय का घी व कस्तुरी का इत्र इन्हें पसंद है। रविवार को चना, सोमवार को खीर अथवा दूध, मंगलवार को चूरमा तथा हलवा, बुधवार को हरी सब्जी, गुरूवार को चने की दाल अथवा बेसन का प्रयोग, शुक्रवार को मीठा दही और शनिवार को उड़द का सेवन करने से सभी ग्रह प्रसन्न रहते हैं।
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