jyotish bhagya aur karm
कर्म के साथ भाग्य जोड़ दोगे तो उसका मान 10 गुना बढ़ता ही जाएगा। लेकिन केवल भाग्य भरोसे बैठकर कर्म भी क्षीण होने लगते हैं।
देवताओंके लिए प्रज्वलित दीप को कभी भी शांत न करो
पिघला हुआ घी ओर पतला चन्दन भी देव को अर्पित न करो
हाथ में धारण किए हुए फूल ताम्बे के बर्तन में चन्दन ओर चर्म पातर में गंगाजल भी अपवित्र हो जाता है
एक दीपक से दूसरा दीपक अगरबती धुप भी न जलाओ ऐसा करने से व्यक्ति रोगी ओर दरिद्र हो जाता है
जो मूर्ति स्थापित हो जाए उसका आह्वान ओर विसर्जन नहीं करते .
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