Search This Blog

Wednesday 22 June 2011

खुद को ऋणमुक्त कर बन जाइए धनवान

कर्ज का भार व्यक्ति के जीवन में अभिशाप की तरह होता है। कर्ज किसी भी व्यक्ति की हंसती-खेलती जिंदगी को एक जहर भरे तीर की तरह चुभ जाता है। ऋण का ब्याज देते-देते लम्बी अवधी बीत जाती है लेकिन मूल रकम वैसी ही रहती है। लेकिन इस दीपावली आप ऋण मुक्त हो सकते हैं। दीपावली की रात्रि में ऋण मोचन लक्ष्मी-गणेश की पूजा और साधना करके आप अपनी ऋण मुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ कर सकते हैं। दीपावली में अथवा ग्रहण काल में संकल्प लेकर साधक यह साधना प्रारंभ कर सकते हैं। दीपावली या ग्रहण के दिन साधक को प्रात:काल स्त्रान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। तत्पात पूर्व दिशा की ओर मुख कर स्वच्छ आसन पर बैठ जाएं। इसके बाद अपने सामने बाजोट पर एक लाल रंग का वस्त्र बिछाकर उस पर किसी पात्र में पारद लक्ष्मी गणेश स्थापित करें। फिर लक्ष्मी गणेश को कुमकुम से तिलक करें और धूप दीप करें। इसके बाद कमलगट्टे की माला से 11 माला निम मंत्र का जाप करें।

नमो ही श्रीं क्रीं श्रीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी गणेशाय मम गृहे धनं देहि चिन्तां दूरं करोति स्वाहा।



इसके अगले दिन पारद लक्ष्मी गणेश को अपने पूजा स्थल पर स्थापित कर दें। कमलगट्टे की माला और अन्य सामग्री को साधक किसी भिखारी या गरीब को दान-दक्षिणा के साथ दे दें। ऎसा करने से साधक की ऋण बाधा और दरिद्रता दान के साथ ही चली जाती है और उसके घर में लक्ष्मी का वास हो जाता है।

No comments:

Post a Comment