परेशानियां सभी के जीवन में आती है। कुछ परेशानियां क्षणिक होती हैं यानी थोड़े समय में जिनका निराकरण हो जाता है वहीं कुछ ऐसी भी होती हैं जो जीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर देती हैं। इस समय को आप महासंकट भी कह सकते हैं। यदि आपके जीवन में भी ऐसा ही कोई संकट आया हो या आपको ऐसा अंदेशा है कि आने वाले समय में कोई बड़ा संकट आने वाला है तो नीचे लिखे मंत्र का विधि-विधान से जप करें।
मंत्र
ऊँ ह्रीं बटुकाय आपदुधदरणाय कुरु-कुरु ह्रीं ऊँ
जप विधि
- यह भैरव मंत्र हैं। इस मंत्र को रिक्ता तिथि(4, 6, या 14) से प्रारंभ करें।
- इस बात का ध्यान रखें कि मंत्र जप रात के 12 बजे बाद करें।
- मंत्र जप के दौरान सरसों के तेल का दीपक तथा धूप अवश्य जलाएं।
- यह प्रयोग लगातार 40 दिनों तक करें व प्रतिदिन रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का 108 बार जप अवश्य करें।
- इस दौरान सात्विक भोजन करें तथा ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- प्रतिदिन काले कुत्ते को मिठाई या रोटी खिलाएं। काले रंग का कुत्ता न मिले तो किसी अन्य कुत्ते को भी खिला सकते हैं।
मंत्र
ऊँ ह्रीं बटुकाय आपदुधदरणाय कुरु-कुरु ह्रीं ऊँ
जप विधि
- यह भैरव मंत्र हैं। इस मंत्र को रिक्ता तिथि(4, 6, या 14) से प्रारंभ करें।
- इस बात का ध्यान रखें कि मंत्र जप रात के 12 बजे बाद करें।
- मंत्र जप के दौरान सरसों के तेल का दीपक तथा धूप अवश्य जलाएं।
- यह प्रयोग लगातार 40 दिनों तक करें व प्रतिदिन रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का 108 बार जप अवश्य करें।
- इस दौरान सात्विक भोजन करें तथा ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- प्रतिदिन काले कुत्ते को मिठाई या रोटी खिलाएं। काले रंग का कुत्ता न मिले तो किसी अन्य कुत्ते को भी खिला सकते हैं।
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