आकर्षण वृद्धि हेतु
पूजा के स्थान पर गेंदे का फूल रख दें। फिर उसका पूजन हल्दी से करें। अब इस फूल को गंगाजल में पीस लें। कहीं भी जाते समय इसका तिलक कर लें, जहाँ भी जाओगे। सामने वाला आकर्षित होगा विशेषकर लड़का-लड़की के ?िववाह संबंध के लिए यह प्रयोग करें।
पति मोहन मंत्र
मंत्र - ऊँ अस्य श्री सुरी मंत्र स्वार्थ वर्ण। ऋषि इति शिपस स्वाहा। जिस नारी का पति उससे खुश ना रहता हो, उसे निम्न मंत्र का 108 बार प्रतिदिन नियम से जाप करते हुए 108 दिन तक पाठ करना चाहिए। इससे पति, पत्नी की तरफ आकर्षित होगा एवं दोनों का जीवन आनंदमय हो जाएगा।
धनदायक वस्तुएं
प्रकृति अपने में असंख्य निधियों को समेटे हुए है, जिसको इनका ज्ञान है, वह लाभ उठाता है। ?सी बहुत सी वस्तुएं हैं जो सुख-समृद्धि के प्रभावों से ओत-प्रोत हैं। वनस्पतियों से लेकर प्रस्तरखण्ड और धातुएँ इनकी प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। ईश्वर ने प्रकृति को अपनी माया कहा है। एक पुरूष (ईश्वर) की माया उसकी स्त्री होती है। पुरूष प्रदत्त या अर्जित सभी सम्पत्ति की एकमात्र अधिकारिणी उसकी पत्नी होती है। ईश्वर ने भी अपने समस्त वैभव प्रदायक, समृद्धिदायक प्रभावों को प्रकृति में पृथक-पृथक रूप में व्यवस्थित किया है। पंच तत्व आदि तो प्रधान हैं ही कुछ वृक्षों के तो पत्ते तक धन प्राप्ति कराने में सहयोग करते हैं। ?सी वस्तुओं की गणना यद्यपि संभव नहीं क्योंकि "कण-कण में भगवान हैं, के अनुसार प्रकृति में उपस्थित हर छोटी से छोटी वस्तु में सिद्धि-ऋद्धि व्याप्त हैं।" उनमें से कुछ सुगम उपलब्ध वस्तुओं का और उनको प्रयोग में लेने का उल्लेख करेंगे। इस विषय वस्तु का प्रमाण प्रमुख तंत्र-शास्त्रों व कुछ प्रसिद्ध पुराणों में इनकी उपयोगिता का वर्णन है-
तुलसी - तुलसी साक्षात् लक्ष्मी स्वरूपा हैं और भारत के हर भाग में सहज उपलब्ध हैं। जिस घर में तुलसी का पौधा नहीं, वह घर सूना समझा जाता है। तुलसी का स्पर्श कर घर में प्रवेश करने वाली वायु साक्षात् अमृत होती है। दैहिक स्वास्थ्य को सिद्ध करती है। प्रतिदिन तुलसी को जल चढ़ाने से न केवल स्वास्थ्य अच्छा रहता है अपितु इससे भगवान केशव प्रसन्न होते हैं और घर में धन-धान्य की वृद्धि करते हैं।
हरसिंगार का बांदा - हरसिंगार नामक एक पौधा है। किसी पौधे पर पुष्प लगने के बाद, फल लगने से पूर्व पुष्प जिस अवस्था में होता है, वही बांदा कहलाता है। बांदा में पुष्प व फल की मिश्रित गंध होती है। हरसिंगार का बांदा आर्थिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है तथा भवन के दोषों का निवारण भी करता है। शनिवार और मंगलवार के अतिरिक्त अन्य किसी वार को जबकि चंद्रमा हस्त नक्षत्र पर हों तब हरसिंगार का बाँदा घर में ले आएं और महालक्ष्मी के मंत्र से इसका पूजन करने के उपरांत लाल कपड़े में लपेट कर तिजोरी में रखने से धन और समृद्धि की बढ़ोत्तरी होती है, धन लाभ के नवीन अवसर प्राप्त होते हैं।
रूद्राक्ष - प्राकृतिक वनस्पतियों में रूद्राक्ष अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत के अधिकांश भागों में रूद्राक्ष पाया जाता है तथापि नेपाल, मलाया, इण्डोनेशिया, बर्मा आदि में यह प्रचुर मात्रा उपलब्ध होता है। भगवान शंकर के नेत्रों से रूद्राक्ष की उत्पत्ति मानी जाती है। वृक्ष में रूद्राक्ष फल के रूप में उत्पन्न होता है। आकार भेद से रूद्राक्ष अनेक प्रकार के होते हैं। रूद्राक्ष दाने पर उभरी हुई धारियों के आधार पर रूद्राक्ष के मुख निर्धारित किये जाते हैं। एकमुखी दुर्लभ हैं और दो मुखी से 21 मुखी तक रूद्राक्ष होते हैं। जब कभी रविवार-गुरूवार या सोमवार को पुष्य नक्षत्र पर चंद्रमा हों तो ?से सिद्ध योग में रूद्राक्ष का पूजन कर, रूद्राक्ष को शिव स्वरूप मानकर प्राण-प्रतिष्ठा की जाती है। रूद्राक्ष को माला या लॉकेट के रूप में धारण किया जाता है। तंत्र शास्त्रों के अनुसार रूद्राक्ष धारण करने पर भूत-प्रेतजनित बाधाओं, अदृश्य आत्माओं तथा अभिचार प्रयोग जनित बाधाओं का समाधान होने लगता है। रूद्राक्ष दाने को गंगाजल में घिसकर प्रतिदिन माथे पर टीका लगाने से मान-सम्मान तथा यश और प्रतिष्ठा बढ़ती है। विद्यार्थी वर्ग इस प्रकार टीका लगाएं तो उनकी बुद्धि एवं स्मरण शक्ति बढ़ती है।
गोरोचन - गोरोचन अति प्रसिद्ध वस्तु है। पूजा कर्म में अष्टगंध बनाने में तथा आयुर्वेद में कतिपय औषधियों के निर्माण में गोरोचन को प्रयोग में लिया जाता है। गोरोचन गाय के सिर में से प्राप्त किया जाता है तथा बाजार में पंसारी की दुकान पर यह आसानी से उपलब्ध हो जाता है।
प्रयोग "रवि-पुष्य" या "गुरू-पुष्य" योग में गोरोचन के एक टुकड़े को गंगाजल व पंचामृत से शुद्ध करके, धूप-दीप आदि से शोधित कर, अपने इष्टदेव के मंत्र से इसे अभिमंत्रित कर लें और चाँदी की ताबीजनुमा डिब्बी में रखकर, गले में बाँध लेने या पूजा में रखने से अशांति दूर होती है और जीवन मे सुख शांति आती है। गोरोचन के टुकड़े को उपरोक्त प्रकार पूजन करके चाँदी की डिब्बी में रखकर तिजोरी में रखने से व्यापार की वृद्धि होती है। धन का लाभ होता है।
एकाक्षी नारियलनारियल को श्रीफल, खोपरा, गोला, कोकोनट आदि नामों से जाना जाता है। नारियल रेशेनुमा जड़ों से आवृत्त होता है। इन जड़ों को हटा देने पर अधिकांश नारियलों पर तीन काले रंग की बिन्दु जैसी आकृति दिखाई देती है, इनमें से दो नेत्रों तथा एक मुख का परिचायक होती है। किसी-किसी नारियल में एक नेत्र और एक मुख के रूप में मात्र दो ही निशान होते हैं, इसे "एकाक्षी नारियल" कहते हैं। इसे घर में रखना अत्यंत शुभ माना जाता है। यद्यपि इसकी उपलब्धता दुर्लभ होती है लेकिन प्रयास करने पर यह प्राप्त हो जाता है। एकाक्षी नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर, सिंदूर और कुंकुम आदि से पूजा करनी चाहिये। जिस घर में एकाक्षी नारियल की पूजा होती है, वहाँ लक्ष्मी जी की कृपा होती है, अन्न व धन की कभी कमी नहीं आती। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर पूजा की जाये तो व्यवसाय की वृद्धि होती है।
बरगद -
बरगद को "वट वृक्ष" या बड़ के वृक्ष के नाम से जाना जाता है। यह सर्व सुलभ है। महिलाएं "वट-सावित्री" व्रत में इस वृक्ष की पूजा करती हैं। इसमें तने के चारों ओर जटायें लटकती रहती हैं। प्रयोग रविवार को जब चंद्रमा पुष्य नक्षत्र पर हों तब बरगद वृक्ष की जटा ले आएं तथा इसे सुखाकर अगले रविवार को जलाकर राख को कपड़छन करके रख लें। इस चूर्ण से दाँतों का मंजन करने से दाँतों के रोग दूर हो जाते हैं। किसी पुराने बरगद वृक्ष के नीचे यदि कहीं स्व-उत्पन्न कोई छोटा बरगद का पौधा मिल जाये तो सौभाग्य का सूचक होता है। पुराने वृक्ष के नीचे इसकी सुरक्षा का पूर्ण बंदोबस्त कर देना चाहिये, जिससे कोई पशु-पक्षी या मनुष्य इसे क्षति नहीं पहुँचाये। जब कभी "रवि-पुष्य" योग पड़े तब इस पौधे को जड़ सहित उख़ाड कर लाएं और किसी सुरक्षित स्थान बाग या बगीचे में लगा दें तथा इसका पालन करते रहें। जैसे-जैसे यह प़ेड बड़ा होता जाता है, वैसे ही प़ेड लगाने वाले का आर्थिक ?श्वर्य भी बढ़ता जाता है।
गोमती चक्र -
चक्राकार आकृति (पत्थर के टुकड़े) को ही गोमती चक्र कहते हैं चूंकि यह गोमती नदी से ही प्राप्त होता है और एक विशेष प्रकार के पत्थर पर निर्मित होता है अत: इसे "गोमती चक्र" कहते हैं। ग्यारह गोमती चक्रों को लाल कपड़े के आसन पर पूजा के स्थान पर रखने एवं प्रतिदिन उनकी केसर-चंदन से पूजा करते रहने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं। घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है। यह प्रयोग "रवि-पुष्य", "गुरू-पुष्य" या दीपावली की रात्रि से प्रारंभ किये जा सकते हैं। पूजा में "ऊँ श्रीं श्रियै नम:" मंत्र प्रयोग में लें। इन वस्तुओं की प्राप्ति सुलभ हो तो ये प्रयोग दीपावली की रात्रि में भी किये जा सकते हैं।
गृह शुद्धि
यदि आपके घर में दिन-प्रतिदिन लड़ाई-झगड़े बढ़ते जा रहे हों। हर काम में विघ्न-बाधाएँ आ रही हों और आपको ऐसा प्रतीत हो रहा हो कि घर में देवताओं का वास भी नहीं है, तो निश्चय ही यह जानना चाहिए कि घर अशुद्ध है और साथ ही घर में प्रेतात्माओं का वास है। टोटकों के माध्यम से इन समस्याओं का निपटारा हो सकता है।* रोज सूर्यास्त के समय इक्कीस दिन तक गाय का आधा किलो कच्चा दूध लें।* उसमें नौ बूँद शुद्ध शहद की मिलाएँ और एक अच्छे साफ-सुथरे बर्तन में डालकर स्नान करें।* शुद्ध वस्त्र पहनकर मकान की ऊपरी छत से नीचे तक प्रत्येक कमरे, जीने, गैलरी आदि में उस दूध के छीटें दें।* मुख्य द्वार तक आएँ और द्वार के बाहर बचे हुए शेष दूध को धार से वहीं गिरा दें। इस प्रक्रिया को करते हुए अपने इष्टदेव का स्मरण अवश्य करते रहें।* इक्कीस दिनों तक ऐसा करने से घर हरेक प्रकार की बलाओं से मुक्त हो जाता है।
बुद्धि, ज्ञान, सफलता और समृद्धि
श्री गणेश बुद्धि, ज्ञान, सफलता और समृद्धि के देवता हैं। उनके मंत्र के जरिए युवा वह सब पा सकते हैं जिसकी वे इच्छा करते हैं। ये सात मंत्र वि?श्वास के साथ जपने से आपको आत्मविश्वास मिल सकता है जो आपको करियर बनाने में सबसे ज्यादा मदद करता है। श्रीगणेश के मंत्र वस्तुत: सिद्धि मंत्र हैं। हर मंत्र में श्रीगणेश की एक खास शक्ति विद्यमान है। इन मंत्रों को सही विधि और सही उच्चारण के साथ किया जाए तो इसके कई लाभ मिलते हैं। यह भी जरूरी है कि इन मंत्रों को पूरी आस्था और श्रद्धा से किया जाना चाहिए।
1. ओम श्रीगणेशायनम:
यह मंत्र एक सकारात्मक और शुभ शुरुआत के लिए उपयोगी है। आपका चाहे कोई प्रोजेक्ट हो, रिसर्च पेपर हो या करियर या फिर कोई अन्य काम, इस मंत्र के जाप से आप सफलता अर्जित कर सकते हैं।
2. ओम गं गणपतये नम:
इस मंत्र की सहायता से आप सुप्रीम नॉलेज और शांति से गहरे जुड़ सकते हैं। बिना किसी रुकावट के आप सफलता पा सकते हैं।
3. ओम विनायकाय नम:इस मंत्र के जाप से आप अपने कॉलेज, क्लास, ऑफिस या वर्क प्लेस पर शिखर पर पहुँच सकते हैं यानी वह पोजिशन हासिल कर सकते हैं, जहाँ सब कुछ आपके नियंत्रण में होता है यानी शीर्ष पर। विनायक का अर्थ है सब कुछ आपके नियंत्रण में है।
4. ओम विघ्ननाशायनम:
जिंदगी और करियर में तमाम तरह की बाधाएँ आती हैं। इस मंत्र का लगातार जाप करने से आप, आपकी बॉडी और कॉस्मोस की रुकी ऊर्जा बह निकलती है और आप पूरी कुशलता और कार्यक्षमता के साथ अपने लक्ष्यों को हासिल कर लेते हैं।
5. ओम सुमुखायनम:
इस मंत्र का अर्थ है कि मुख ही नहीं, आपकी भावना, आपका मस्तिष्क, आपका मन और आत्मा सुंदर होना चाहिए। उनमें आने वाले भाव और इच्छाएँ सुंदर हों। इसलिए भीतरी सुंदरता होगी तो वह मुख पर प्रकट होगी और आप जो कहेंगे, वह सुंदर होगा, प्रेरणास्पद होगा।
6. ओम क्षिप्र प्रसादायनम:
किसी भी तरह की आशंका, संकट,निगेटिव इनर्जी होगी तो आप इस मंत्र के जरिए उसे दूर सकते हैं। सारी बाधाओं से पार पा सकते हैं। इस मंत्र से तुरंत आशीर्वाद मिलता है।
7. ओम वक्रतुण्डाय हूं
जब स्थिति आपके नियंत्रण से बाहर हो या लोग आपके बारे में नकारात्मक विचार रखते हों या आप हताश और निराश हों तो इस मंत्र का जाप करें। इससे लाभ मिलेगा यानी तुरंत प्रसाद मिलेगा। इन मंत्रों को जपने से तमाम तरह की बाधाओं और बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है। इन मंत्रों से सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है और आशीर्वाद स्वरूप सफलता, समृद्धि, बुद्धि और ज्ञान हासिल होता है।
कुछ उपयोगी टोटके
उल्टी रोकने के लिएकई बच्चे दूध पीने के पश्चात् एकदम उल्टी कर देते हैं। यदि आपका आपका बच्चा भी ऐसा करता हो, तो उसी समय उसके पास कांसे की थाली या कटोरी को चम्मच से बजा दें। मन में 'ऊँ नम: शिवायÓ का जप करते रहें, उल्टी तुरंत रुक जाएगी।
मनोकामना पूर्ति हेतु
मनोकामना की पूर्ति हेतु मंदिर की सेवा करें, दो सप्ताह में वांछित फल होगा।प्रत्येक शनिवार को प्रात: के समय बेलपत्र पर सफेद चंदन की बिंदी लगाकर अपनी मनोकामना बोलकर शिवलिंग पर अर्पित करें, आपकी मनोकामना शीघ्र पूर्ण होगी। यह उपाय शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार से शुरू करें। मनोकामना की पूर्ति के पश्चात् ईश्वर का धन्यवाद करें तथा मंदिर में प्रसाद चढ़ाएं।
व्यापार में वृद्धि हेतु
धनदा यंत्र को कमलगट्टे की माला पर शुभ मुहूर्त में स्थापित करें, व्यापार-व्यवसाय में तरक्की होने लगेगी। मनोकामना की पूर्ति हेतु श्री व्यंकटेश यंत्र को शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को स्थापित करें, फिर प्रतिदिन दर्शन करें और तुलसी दल चढ़ाएं। नियमित रूप से दूध-भात का भोग लगाएं और तुलसी की माला से 'ऊँ नमो नारायणायÓ मंत्र का एक माला जाप करें। उपाय श्रद्धापूर्वक करें, अभिलाषा पूरी होगी।
शीघ्र विवाह हेतु
मनोकामना की पूर्ति या शीघ्र विवाह हेतु एक गौरीशंकर रुद्राक्ष सोमवार को नजर दोष से मुक्ति के लिए या किसी विशेष सिद्ध मुहूर्त में भगवान शिव पार्वती को चढ़ाएं और मनोकामना व्यक्त करें, सिद्ध होगी।
संतान प्राप्ति हेतु
संतान सुख के लिए, शुभ मुहूर्त में पुराना गुड़ भूमि में दबाएं। ऐसा वृद्ध दंपति भी कर सकते हैं, इससे बुढ़ापे में संतान सुख प्राप्त होता है और बच्चे सेवा करते हैं। संतान का कष्ट भी इस टोटके से दूर हो जाता है और घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। यह बहुत ही कारगर उपाय है, जिसे सुख के लिए हर गृहस्थ को करना चाहिए। ध्यान रहे, गुड़ की मात्रा कम से कम एक किलो हो।
इंटरव्यू में सफलता के लिए
इंटरव्यू आदि में सफलता के लिए पांच अभिमंत्रित कौडिय़ां लें और उन पर हल्दी का तिलक लगाकर उन्हें अपने ऊपर से नौ बार उतारें, इस दौरान मन में 'ऊँ नमो भगवते वासुदेवायÓ का जप करते रहें। हरिजन को उचित दक्षिणा दें और कौडिय़ां पीपल के वृक्ष के नीचे या मंदिर में रख आएं, इंटरव्यू में सफलता अवश्य मिलेगी।
नजर दूर करने के लिएघर के निकट किसी भी वृक्ष की जड़ में शाम को थोड़ा सा कच्चा दूध डाल दें व गुलाब की तीन अगरबती जलाएं। अगर परिवार में किसी को नजर लगी होगी तो उतर जाएगी।
धन-समृद्धि की वृद्धि हेतु
तिजोरी में बिल्ली की नाल को सिंदूर व लौंग के साथ शुभ मुहूर्त में रखने से धन समृद्धि मिलती है। शत्रु से बचाव के लिए महीने में एक बार 800 ग्राम बादाम जल में प्रवाहित करें। कच्चे दूध में जल मिलाकर प्रतिदिन शिवलिंग पर श्रद्धा से चढ़ाएं। पंद्रह दिन में एक बार मूली जमादार को दें। ध्यान रहे मूली देने से पहले पते निकाल दें। ऐसा करने से शत्रुओं से रक्षा होती है।
टोटके-घर में पैसा रखने वाली अलमारी का मुंह उत्तर की तरफ़ रखे, ऐसा करने से घर में लक्ष्मी बदती है।
-किसी भी रोज़ संध्याकाल में गाय को कच्चा ढूढ़ मिटटी के किसी बर्तन में भरकर बाएँ हाथ से नजऱ लगे बच्चे के सर से सात बार उतारकर चौराहे पर रख आयें या किसी कुत्ते को पिला दे, नजऱ दोष दूर हो जायेगा।
-घर के किसी भी कार्य के लिए निकलते समय पहले विपरीत दिशा में 4 पग जावें, इसके बाद कार्य पर चले जाएँ, कार्य जरूर बनेगा।
-परिवार में सुख-शान्ति और सम्रद्धि के लिए प्रतिदिन प्रथम रोटी के चार बराबर भाग करें, एक गाय को, दूसरा काले कुत्ते को, तीसरा कौए को और चौथा चौराहे पर रख दें।
-हल्दी की 7 साबुत गाठें 7 गुड़ की डलियाँ, एक रूपये का सिक्का किसी पीले कपड़े में वीरवार को बांधकर रेलवे लाईन के पार फेंक दें, फेंकते समय अपनी कामना बोलें, इच्छा पूर्ण होने की सम्भावना हो जायेगी।
-महीने में एक बार पीला पेठा साबुत चलते पानी में बहाने से घर की बिमारी दूर हो जाती है।
-पीपल के नीचे जाकर 11 बार "श्री राम जय राम जय जय राम" का जाप करने से आपको हर समस्या से मुक्ति मिल जाती है।
-अगर आपको विदेश जाने में रुकावट आ रही हो तो शनिवार के दिन 12 बजे दिन में अपनी लम्बाई नाप कर उसे 5 गुना ज्यादा लंबा लाल धागा जटा वाले नारियल पर लपेट कर चलते पानी में बहायें, ऐसा 5 बार करने से सफलता जरूर मिलेगी।
-माथे पर केसर का तिलक लगाने से व काले कुत्ते की सेवा करने से भी विदेश योग जल्दी बनता है।
-ध्यान रखें कि बुधवार को किसी को भी धन उधार न दें, यह पैसा कभी वापिस नही आएगा।
-आपके घर में जितने दरवाजे हैं उनमे समय पर तेल देना चाहिए, दरवाजों में से किसी प्रकार की आवाज़ नही आनी चाहिए, अगर ऐसा होता है तो घर में क्लेश रहता है।
-हर रोज घर की पहली रोटी गाय को व आखिरी रोटी कुत्ते को दी जाए तो घर की तरक्की को कोई नही रोक सकता।
-घर में कच्चा हिस्सा जरूर होना चाहिए और उसमे तुलसी का पौधा लगायें, आपके काम में कभी कोई रुकावट नही आयेगी।
-सुबह उठकर अपने दोनों हाथों को अपने मुंह पर फेरकर हाथ देखने से किस्मत चमकती हैं।
-घर में बरकत व तरक्की के लिए शनिवार को गेहूं पिसवायें व उसमे 100 ग्राम काले चने व 7 तुलसी के पत्ते मिलाएं।
-सुबह उठ कर सबसे पहले घर की मालकिन अगर एक लोटा पानी घर के मुख्य द्वार पर डालती है तो घर में लक्ष्मी देवी के आने का रास्ता खुल जाता हैं।
-अगर आप चाहते हैं की घर में सुख शान्ति बनी रहे तो हर एक अमावास के दिन घर की अच्छी तरह सफाई करके (बेकार सामान घर में न रखें) कच्ची लस्सी का छिट्टा देकर 5 अगरबत्ती जलाइए।
-महीने में 2 बार किसी भी दिन घर में उपला जलाकर लोबान व गूगल की धुनी देने से घर में उपरी हवा का बचाव रहता हैं तथा बीमारी दूर होती है।
-आपके घर में अगर अग्नि कोण में पानी की टंकी रखी हो तो घर में कर्जा व बीमारी कभी समाप्त नही होती है इससे बचने के लिए इस कोने में एक लाल बल्ब लगा दें जो हर वक्त जलता रहे।
-नमक को कभी भी खुला न रखें।
-साबुत काले उड़द में मेहँदी मिलाकर जिस दिशा में वर या वधु का घर हो उस तरफ़ फेंक देने से वर-वधु में प्यार बढता है, क्लेश समाप्त हो जाता है। यह क्रिया जहाँ पर विवाह हुआ हो वहीं से करनी है।
-एक लोटा पानी में रुद्राक्ष के पाँच दाने डालकर शाम को रख दें। प्रात: वह जल पीयें और इसके बाद लोटे में दुबारा जल भरकर वहीं दाने दाल दें। 24 घंटें बाद वह जल फिऱ सेवन करें। यह रुद्राक्ष जल उदर विकार को नष्ट करके रक्त संचार में सहायक बनता है।
-दक्षिणावर्ती शंख जहाँ भी रहता है, दरिद्रता वहां से पलायन कर जाती है।
-एकाक्षी नारियल के सिरे पर तीन के स्थान पर दो बिन्दु होतें हैं। इस की पूजा करने से घर में सुख-शान्ति और लक्ष्मी का वास होता है।
-गाय को अपनी थाली की रोटी खिलाने वाला सदा सात्विक और प्रसन्न रहता है। गाय का ढूध पीने से बल बुद्धि का विकास होता है। गाय का मूत्र घर के भूत-पिशाच को भगाता है।
-घर में सुख-शान्ति के लिए मिट्टी का लाल रंग का बन्दर, जिसके हाथ खुले हो, घर में सूर्य की तरफ़ पीठ करके रखें, ऐसा रविवार को करें।
-चांदी के बर्तन में केसर घोल कर माथे पर टीका लगाना, सुख-शान्ति सम्रद्धि और प्रसद्धि देता है, यह प्रयोग वीरवार को करें।
-शादी न हो रही हो या पढ़ाई में दिक्कत हो तो पीले फूलों के दो हार लक्ष्मी-नारायण के मन्दिर में चढाये, आपका काम जरूर होगा, यह प्रयोग वीरवार शाम को करें।
-कंजकों को बुधवार के दिन साबुत बादाम, जो मन्दिर के बाहर बैठीं हों, देना चाहिए इससे घर की बीमारी दूर होती है।
-अगर किसी को अपनी नौकरी में तबादले या स्थानांतर को लेकर कोई समस्या है तो ताम्बे की गडवी/ लोटे में लाल मिर्ची के बीज डालकर सूर्य को चढाने से समस्या दूर होती है। सूर्य को यह जल लगातार 21 दिनों तक चढाये
-अगर आपको किसी धार्मिक स्थान पर कुछ पैसे अचानक मिल जातें हैं तो आप उन्हें लेकर लाल या पीले कपड़े में बांधकर घर में रखें तो माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
-जिनके विवाह में बाधा आ रही हो तो 1200 ग्राम चने की दाल, सवा किलो ढूध वीरवार को 2 बार दान करने से यह बाधा दूर हो जाती है।
-यदि पति-पत्नी में क्लेश रहता है तो अपने शयन कक्ष में हर रोज़ मुसक कपूर जलाया करें इस से प्रेम बढेगा।
-अगर आप कारोबार के लिए कोई जगह देख रहें हैं तो वो जगह शेरमुंह होनी चाहिए, ऐसी जगह पर कारोबार करने से कारोबार दिन प्रतिदिन बढता है।
-अगर आप रहने के लिए जगह देख रहें हैं तो वो जगह गौमुखी होनी चाहिए, ऐसी जगह पर रहने से घर में सुख-शान्ति बनी रहती है।
-घर में सुख-शान्ति न हो तो पीपल पर सरसों के तेल का दीया जलाना और जला कर काले माह (उड़द ) के तीन दाने दीये में डालना चाहिए, ऐसा तीन शनिवार शाम को करें।
-दुर्घटना या सर्जरी का भय हो तो तांबें के बर्तन में गुड़ हनुमान जी के मन्दिर में देने से बचाव होता है और अगर सरसों के तेल का दीया वहीं जलाये और वहीं बैठ कर हनुमान चालीसा पढ़े और हलवा चढाये तो काफ़ी बचाव होता है, ऐसा चार मंगलवार रात्रि करें।
-बहन भाईओं से कोई समस्या हो तो सवा किलो गुड़ जमीन में दबाने से समझौता होता है, ऐसा मंगलवार को करें।-बच्चों की पढ़ाई के लिए सवा मीटर पीले कपडें में 2 किलो चने की दाल बांधकर लक्ष्मी-नारायण जी के मन्दिर में चढाये, ऐसा पाँच शाम वीरवार को करें।
-कमर, गर्दन में तकलीफ रहती हो तो दोनों पैरों के अंगूठे में काला सफ़ेद धागा बांधें।
-घर में सुख-शान्ति के लिए मिट्टी का लाल रंग का बन्दर, जिसके हाथ खुले हो, घर में सूर्य की तरफ़ पीठ करके रखें, ऐसा रविवार को करें।
-चांदी के बर्तन में केसर घोल कर माथे पर टीका लगाना, सुख-शान्ति सम्रद्धि और प्रसद्धि देता है, यह प्रयोग वीरवार को करें।
-शादी न हो रही हो या पढ़ाई में दिक्कत हो तो पीले फूलों के दो हार लक्ष्मी-नारायण के मन्दिर में चढाये, आपका काम जरूर होगा, यह प्रयोग वीरवार शाम को करें।
-कंजकों को बुधवार के दिन साबुत बादाम, जो मन्दिर के बाहर बैठीं हों, देना चाहिए इससे घर की बीमारी दूर होती है।
-अगर किसी को अपनी नौकरी में तबादले या स्थानांतर को लेकर कोई समस्या है तो ताम्बे की गडवी/ लोटे में लाल मिर्ची के बीज डालकर सूर्य को चढाने से समस्या दूर होती है। सूर्य को यह जल लगातार 21 दिनों तक चढाये।
-जिन बच्चों का मन पढ़ाई में नही लगता या पढ़ाई करते वक्त नींद आती है उनके कमरे में हरे रंग के परदे लगायें तथा पढ़ाई शुरु करने से पहले बच्चे माँ सरस्वती का ध्यान करके 21 बार "? येंम सरस्वती नम:" का जप करके पढ़ें तो पढ़ाई में मन लगेगा।
-अगर बच्चे को बार-बार नजर लगती है तो 50 ग्राम फिटकरी 21 बार बच्चे के सर से वार कर चौराहे पर फेंकने से नजर दोष समाप्त हो जाता है।
-1 निम्बू लेकर हनुमान जी का मंत्र "? हनुमंते नम: " बोलकर बच्चे के सर से पाँव तक 7 बार वार कर घर का कोई व्यक्ति निम्बू के 4 टुकडें करके चौराहे पर फेंक दे, इससे भी नजऱ दोष समाप्त हो जाता है।
-रविवार को थोड़ा सिंधूर पति के बिस्तर पर दाल दें व दूसरे दिन सुबह नहा कर माँ पार्वती जी का ध्यान करके उस सिंधूर से अपनी मांग भर लें, पति के साथ सम्बन्ध अच्छे हो जातें हैं।
-अगर आप आर्थिक रूप से परेशान हैं या कारोबार में कोई परेशानी है तो 7 शुक्रवार 9 साल से कम उमर की कंजकों को खीर व मिश्री का प्रसाद देने से यह परेशानी दूर हो जाती है।
nice totake can you tell me luck totaka
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