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Thursday 30 June 2011

कामना पूर्ति के लिए गणपति मंत्र

गणपति जी का बीज मंत्र गं है, इनसे युक्त मंत्र ऊँ- गं गणपतये नम: का जप करने से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है । षडाक्षर का जप आर्थिक प्रगति व समृध्दिदायक है ।
ऊँ वक्रतुंडाय हुम । किसी के द्वारा अनिष्ट के लिए की गई क्रिया को नष्ट करने के लिए विविध कामनाओं की पूर्ति के लिए उच्छिष्ट गणपति की साधना करनी चाहिए । इनका जप करते समय मुंह में लौंग, गुड़, इलायची, बताशा, तांबुल, सुपारी होना चाहिए । यह साधना अक्षय भंडार प्राप्त करने के लिए की जाती है ।
उच्छिष्ट गणपति का मंत्र ऊँ हस्ति पिंथाचि लिखे स्वाहा आलस्य, निराशा, कलह, विघ्न दूर करने के लिए विघ्नराज रूप की आराधना का यह मंत्र जपे ।
ऊँ गं क्षिप्रप्रसादनाय नम: । विघ्न को दूर करने धन व आत्मबल की प्राप्ति के लिए हेरम्बं गणपति का मंत्र जपे । ऊँ गूं नम: रोजगार की प्राप्ति व आर्थिक समृध्दि के लिए लक्ष्मी विनायक मंत्र का जप करे । ऊँ श्री गं सौभाग्य गणपत्ये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा विवाह में आने वाले दोषो ंको दूर करने वालों को त्रैलोक्य मोहन गणेश मंत्र का जप करने से शीघ्र विवाह व अनुकूल जीवनसाथी की प्राप्ति होती है ।
ऊँ वक्रतुण्डेक द्रष्टाय क्लींहीं श्रीं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मं दशमानय स्वाहा । इस मंत्रों के अतिरिक्त गणपति अथर्वशीर्ष, संकटनाशक, गणेश स्त्रोत, गणेशकवच, संतान गणपति स्त्रोत, ऋणहर्ता गणपति स्त्रोत मयूरेश स्त्रोत, गणेश चालीसा का पाठ करने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है ।

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