जीवन के दो पहलु हैं सुख और दुख। अत: हर इंसान का जीवन इन्हीं दो पहलुओं पर निर्भर है। कोई भी व्यक्ति या तो सुखी होगा या दुखी। इन दो अवस्थाओं के अतिरिक्त अन्य कोई अवस्था नहीं है। किसी व्यक्ति के जीवन में सुख अधिक होते हैं तो किसी के जीवन में दुख अधिक होते हैं। दुख में जीना काफी मुश्किल होता है इसी वजह से सभी सुख की कामना करते हैं।
शास्त्रों के अनुसार हमें हमारे कर्मों के अनुसार ही सुख और दुख की प्राप्ति होती है। यदि किसी व्यक्ति ने पूर्व में या पिछले जन्मों में कोई अधार्मिक कार्य किया है तो उसका फल अवश्य ही भोगना पड़ता है। दुखों को कम करने के लिए भगवान की भक्ति सबसे अच्छा उपाय है। ईश्वर की कृपा से सभी प्रकार के दुख स्वत: ही समाप्त हो जाते हैं। भगवान को प्रसन्न करने के लिए यह दो लाइनों का सटीक मंत्र बताया गया है। जब किसी भी कार्य में कोई महाबाधा उत्पन्न हो रही हो तो प्रात: काल पूजन के समय इस मंत्र का जप करें-
रामलक्ष्मणौ सीता च सुग्रीवो हनुमान कपि:।
पञ्चैतान स्मरतौ नित्यं महाबाधा प्रमुच्यते।।
दिनभर में पांच बार इस दिव्य मंत्र का जप कर घर से निकलते समय या पूजन के समय करने से सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। श्रीराम की भक्ति सभी सुख प्रदान करती हैं और हर युग में मात्र इनका नाम लेने से ही कई पापों का प्रभाव खत्म हो जाता है।
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