- दक्षिणमुखी मकान अनिष्टकारक हो सकता है, इससे बचने का प्रयास करें।
- बबूल के पेड़ की डंडी से सुबह-शाम दातुन करें।
- लोहे का चिमटा, लोहे का तवा, लोहे की सिगड़ी, किसी साधु-फकीर को दान करें, जिसका प्रयोग वह नित्य प्रति कर अपना भोजन बाए।
- शनिवार के दिन काले उड़द के लड्डू एवं तिल्ली के लड्डू बनाकर वीराने में, जहां हल न चला हो, ऐसी जमीन में गड्ढा खोदकर दबा आएँ।
- बीमारी की दशा में बड़ के पेड़ में (जड़ में) दूध चढ़ाकर वहाँ की गीली मिट्टी से तिलक लगाएँ।
- खड़े काले उड़द, बादाम, नारियल नदी में प्रवाहित करें।
- पूरे डेढ़ माह (४५ दिन) नियमित रूप से नंगे पैर धर्मस्थान पर पूजा-पाठ करें। अपने दुष्कर्मों को स्वीकार करते हुए क्षमा याचना करें।
- अपने पूर्वजों के मकान में, पुराने मकान में ताँबा, चाँदी एवं स्वर्ण एकत्रित कर एक जगह पर रखें।
- दूध, गुड़, सौंफ से घर में हवन करें।
- शुद्ध शहद घर में रखने से संपत्ति में वृद्धि हो सकती है। इसे घर के प्रयोग में कतई न लाएँ। पूजा स्थान पर रखें।
- धन सम्पत्ति के लिए अपनी थाली की रोटी में लगातार डेढ़ माह तक रोटी निकालकर कौवों को डालें।
- शनिवार के दिन अथवा अमावस्या के दिन खड़े काले उड़द, तेल, तिल्ली, बादाम, लोहा इत्यादि शनि की वस्तुआें का यथाशक्ति दान करें (काले कपड़े में बांधकर)।
- संतान के हित के लिए कुत्तों का भरण-पोषण करें। नियमित तीन कुत्तों को रोटी खिलाएँ।
- काली गाय की यथाशक्ति सेवा करें। गाय को रोटी खिलाएँ।
- शिव मंदिर में जाकर जहाँ शिवलिंग पर नागदेव (प्रतिमा) हो, उन पर दूध चढ़ाकर (दूध पिलाने की मुद्रा में) अभिषेक करें।
- वाद-विवाद, दुश्मनी की स्थिति में बाँसुरी में खांड (बनारसी शक्कर) भरकर वीराने में जाकर गड्ढा खोदकर गाड़ दें।
- चाँदी का चोकोर टुकड़ा हमेशा अपने पास रखें।
- नहाते वक्त पानी में थोड़ा सा दूध डालकर लकड़ी के पटिए पर आलकी-पालकी मारकर बैठे हुए स्नान करें। नहाते वक्त पैर जमीन पर न लगे।
- जन्म-कुण्डली में चौथा या दसवाँ शनि अशुभ होने की दशा में सूर्यास्त के बाद अथवा सूर्योदय के पूर्व दूध पीना अनिष्टकारक है।
- जन्म कुण्डली में शनि यदि मेष का हो अथवा लग्न में हो तो पश्चिम की ओर खुलने वाला हो तो मकान समस्या खड़ी कर सकता है। इस हेतु जमीन में सुरमा गाड़ना फलदायी हो सकता है।
- नशे से परहेज, सट्टे-जुए से दूरी, अवैध-अनैतिक संबंधों का त्याग शनि के अशुभत्व एवं अनिष्ट को दूर करने का सर्वश्रेष्ठ उपाय है। परेशानी की स्थिति में बुजुर्ग, शुभचिंतकों की राय पर चलना, झूठ से परहेज करना, अशुभ शनि के दुष्प्रभाव को दूर करने में बड़ा सहायक होगा।
We cannot change the circumstances in which our soul chose to be born, but we can definitely change the circumstances in which we grow.ASTROLOGY, VASTU SASTRA, AURA, AROMA. SHIVYOG,ARTOF LIVING, ISHAYOG,OSHO AND NEWAGE MEDITATION अध्यात्म, ज्योतिष, यन्त्र-मन्त्र-तन्त्र, वेद, पुराण, इतिहास, गुढ़-रहस्य समस्त समस्या का निराकरण सम्भव नहीं है, मात्र कुछेक समस्या का ही समाधान सम्भव है। Accurate Horoscope Analysis and Remedies for All Problems
Search This Blog
Wednesday 22 June 2011
शनि की साढ़े साती : लक्षण और निवारण
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment